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2025 के रसायन विज्ञान नोबेल पुरस्कार में मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स (MOFs) को क्यों चुना गया?

मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स को 2025 का रसायन नोबेल इसलिए मिला क्योंकि इनकी छिद्रयुक्त संरचना ने ऊर्जा, पर्यावरण और सामग्री विज्ञान में क्रांतिकारी उपयोग के नए रास्ते खोले।

मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क्स (MOFs) को 2025 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिला है, क्योंकि इन संरचनाओं ने पदार्थ विज्ञान, ऊर्जा भंडारण और पर्यावरणीय समाधान के क्षेत्रों में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है।

MOFs एक प्रकार की स्फटिकीय (crystalline) संरचना होती है, जिसमें धातु आयन (metal ions) नोड्स का कार्य करते हैं और कार्बनिक अणु (organic molecules) उन्हें जोड़ने वाले लिंकर के रूप में कार्य करते हैं। इनकी यह अनोखी संरचना अत्यधिक छिद्रयुक्त (porous) होती है, जिससे इनका उपयोग गैस अवशोषण, पृथक्करण, कार्बन डाइऑक्साइड कैप्चर, जल शोधन, दवा वितरण और ऊर्जा भंडारण जैसी प्रक्रियाओं में किया जाता है।

नोबेल समिति के अनुसार, MOFs की खोज और विकास ने यह दिखाया कि ठोस पदार्थों को आणविक स्तर पर डिजाइन किया जा सकता है। उनकी अत्यधिक सतह क्षेत्र (surface area) और रासायनिक स्थिरता ने इन्हें पारंपरिक छिद्रयुक्त पदार्थों जैसे ज़ियोलाइट्स से कहीं अधिक उपयोगी बना दिया है।

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यह खोज न केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित रही, बल्कि औद्योगिक स्तर पर भी इसका व्यापक उपयोग शुरू हो गया है। उदाहरण के लिए, MOFs को कार्बन कैप्चर तकनीक में एक संभावित समाधान के रूप में देखा जा रहा है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

वैज्ञानिक समुदाय का मानना है कि MOFs भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों का एक महत्वपूर्ण आधार बन सकते हैं। इनका उपयोग हाइड्रोजन और मीथेन जैसे स्वच्छ ईंधनों के भंडारण में किया जा सकता है।

इस उपलब्धि ने यह प्रमाणित किया है कि रसायन विज्ञान केवल प्रतिक्रिया और यौगिकों के अध्ययन तक सीमित नहीं, बल्कि यह मानवता के सतत विकास के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोल सकता है।

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