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बस्तर में बड़ी सफलता: बीजापुर में 41 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, ₹1.19 करोड़ इनाम वाले 32 भी शामिल

बीजापुर में 41 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें ₹1.19 करोड़ इनाम वाले 32 शामिल थे। सरकार की नई नीति और ‘पूना मार्गम’ अभियान से प्रभावित होकर सभी ने मुख्यधारा अपनाई।

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार (26 नवंबर 2025) को बड़ी सफलता मिली, जब कुल 41 माओवादी कैडरों ने आत्मसमर्पण कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में 32 माओवादी ऐसे थे, जिन पर कुल ₹1.19 करोड़ का इनाम घोषित था। इनमें 12 महिला माओवादी भी शामिल हैं।

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव के अनुसार, ये सभी माओवादी सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और बस्तर रेंज की ‘पूना मार्गम’ पहल से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने के लिए सामने आए। उन्होंने कहा कि सभी कैडरों ने संविधान में विश्वास जताते हुए सम्मानजनक जीवन जीने की इच्छा व्यक्त की है।

आत्मसमर्पण करने वालों में पीएलजीए बटालियन नंबर 01 और अन्य यूनिट्स के चार सदस्य, तीन एरिया कमेटी सदस्य, 11 प्लाटून और एरिया कमेटी पार्टी सदस्य, दो पीएलजीए कैडर, चार मिलिशिया प्लाटून कमांडर, एक डिप्टी कमांडर, छह मिलिशिया प्लाटून सदस्य और अन्य फ्रंटल संगठनों से जुड़े सदस्य शामिल हैं। इनमें से 39 कैडर दक्षिण उप-जोनल ब्यूरो और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी से जुड़े थे।

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प्रमुख समर्पित माओवादियों में पंद्रु हपका उर्फ मोहन, बांदी हपका, लक्खू कोरसा, बादरू पुनम, सुखराम हेमला, मंजुला हेमला, मंगलि मदवि उर्फ शांत‌ि, जैराम कडियम और पांडो मडकाम शामिल हैं—इनमें से प्रत्येक पर ₹8 लाख का इनाम था। इसके अलावा तीन कैडरों पर ₹5 लाख, 12 पर ₹2 लाख और 8 पर ₹1 लाख का इनाम था।

सरकार की नीति के तहत, सभी कैडरों को तुरंत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। एसपी यादव ने शेष माओवादियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की। जनवरी 2024 से अब तक बीजापुर जिले में 790 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

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