7/11 मुंबई ब्लास्ट केस में बरी आरोपी ने 9 साल की जेल के लिए 9 करोड़ मुआवज़े की मांग की
7/11 ब्लास्ट केस में बरी हुए वाहिद शेख ने 9 साल की गलत कैद और यातना के लिए 9 करोड़ मुआवज़े की मांग की। मानवाधिकार संगठनों ने उनकी मांग का समर्थन किया।
2006 के 7/11 मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट मामले में बरी हुए आरोपी वाहिद दीन मोहम्मद शेख ने नौ साल तक गलत तरीके से जेल में रखे जाने के लिए मुआवज़े की मांग की है। शेख ने सरकार से 9 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें न केवल नौ वर्षों तक बिना दोष साबित हुए जेल में रहना पड़ा, बल्कि हिरासत के दौरान शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी।
वाहिद शेख इस मामले में इकलौते ऐसे आरोपी थे जिन्हें अदालत ने बरी किया था। उनका आरोप है कि जांच एजेंसियों ने बिना ठोस सबूतों के उन्हें गिरफ्तार किया और झूठे मामले में फंसा दिया। शेख का कहना है कि इस अन्याय ने उनकी जिंदगी और परिवार को बुरी तरह प्रभावित किया है।
उन्होंने दावा किया कि जेल में बिताए गए नौ वर्षों के दौरान उन्हें न केवल आम जीवन से दूर रहना पड़ा बल्कि यातनाओं ने उनके स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाला। शेख ने कहा कि गलत गिरफ्तारी और हिरासत मौत जैसी परिस्थितियों में मुआवज़ा दिलाना न्यायपालिका और सरकार की जिम्मेदारी है, ताकि भविष्य में निर्दोष लोगों के साथ ऐसा अन्याय न हो।
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मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस मांग का समर्थन किया है और कहा है कि ऐसे मामलों में उचित मुआवज़ा देना जरूरी है। उनका कहना है कि न्याय केवल सजा तक सीमित नहीं है, बल्कि निर्दोषों के अधिकारों की रक्षा और हुए नुकसान की भरपाई करना भी न्याय का हिस्सा है।
यह मामला न केवल व्यक्तिगत न्याय का प्रश्न है, बल्कि न्याय प्रणाली की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल उठाता है।
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