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आदित्य ठाकरे ने राज्य चुनाव आयोग से मुलाकात कर मतदाता सूची पर आपत्तियों हेतु दो सप्ताह का विस्तार मांगा

आदित्य ठाकरे ने राज्य चुनाव आयोग से मुलाकात कर मतदाता सूची में गड़बड़ी और देरी का आरोप लगाते हुए आपत्तियां व सुझाव दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा।

शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार (24 नवंबर 2025) को राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें उद्धव ठाकरे व राज ठाकरे द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित पत्र सौंपा। इस पत्र में मुंबई महानगरपालिका चुनावों के लिए जारी प्रारूप मतदाता सूची पर आपत्तियों और सुझावों के लिए कम से कम 21 दिनों का समय देने की मांग की गई है।

आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची जारी करने में पहले ही दो सप्ताह की देरी हो चुकी है। उनके अनुसार, 7 नवंबर को जारी की जानी थी सूची, जिसे बाद में आगे बढ़ा दिया गया, और अब जो सूची जारी हुई है वह “मशीन-रीडेबल” नहीं है, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि कई वार्डों का पुनर्विन्यास राजनीतिक लाभ को ध्यान में रखकर किया गया है, खासकर बीजेपी की शक्ति को ध्यान में रखते हुए।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मतदाता सूची के सारांश और वास्तविक डेटा में अंतर क्यों है। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताते हुए कहा, “क्या यह लोकतंत्र है? यह एक तरह का राजद्रोह है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों में ऐसी गड़बड़ियां नहीं होनी चाहिए।”

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आदित्य ठाकरे ने आयोग से आग्रह किया कि नागरिकों को पर्याप्त समय दिया जाए ताकि वे मतदाता सूची में त्रुटियों, गायब नामों और अन्य विसंगतियों पर आपत्ति दर्ज कर सकें। उन्होंने कहा कि मुंबई के लोग मतदान करने के लिए उत्सुक हैं, लेकिन मतदाता सूची में खामियों और देरी से चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आयोग जनता की चिंताओं को गंभीरता से नहीं लेता, तो विपक्ष इस मुद्दे को लेकर बड़ा आंदोलन भी खड़ा कर सकता है।

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