×
 

21% सांसदों और विधायकों का राजनीतिक वंश से संबंध, लोकसभा में सबसे अधिक उपस्थिति: एडीआर

एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, 21% सांसद-विधायक राजनीतिक वंश से आते हैं। कांग्रेस में सबसे ज्यादा 32% और भाजपा में 18% नेता वंशवादी हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक संख्या दर्ज हुई।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश के 21% सांसद, विधायक और विधान परिषद सदस्य राजनीतिक वंश से आते हैं। इसमें सबसे अधिक उपस्थिति लोकसभा में दर्ज की गई है। यह रिपोर्ट भारत की राजनीति में वंशवाद की गहरी जड़ों को उजागर करती है।

रिपोर्ट में बताया गया कि कांग्रेस पार्टी के सदस्यों में वंशानुगत पृष्ठभूमि वाले नेताओं का हिस्सा सबसे ज्यादा है, यानी 32%। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) में ऐसे नेताओं की हिस्सेदारी 18% है। वहीं, वामपंथी दलों में यह आंकड़ा काफी कम है। CPI(M) के केवल 8% सदस्य राजनीतिक परिवारों से आते हैं, जो सबसे कम प्रतिशत है।

राज्यों की बात करें तो उत्तर प्रदेश इस मामले में सबसे ऊपर है। यहां 141 नेता वंशवादी पृष्ठभूमि से आते हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 129, बिहार में 96 और कर्नाटक में 94 नेता ऐसे हैं, जिनका संबंध राजनीतिक परिवारों से है। यह दर्शाता है कि बड़े राज्यों की राजनीति पर पारिवारिक प्रभाव अभी भी गहरा है।

और पढ़ें: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बोले – संसद में योजनाबद्ध अवरोध लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं

विशेषज्ञों का मानना है कि वंशवाद भारतीय राजनीति में नए नेताओं के अवसरों को सीमित करता है और लोकतांत्रिक प्रतिस्पर्धा को कमजोर करता है। हालांकि, समर्थकों का तर्क है कि राजनीतिक परिवारों से आने वाले नेताओं को अनुभव और नेटवर्क का लाभ मिलता है।

एडीआर की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब आगामी चुनावों में पारदर्शिता और अवसर की समानता को लेकर बहस तेज है। रिपोर्ट यह भी इंगित करती है कि राजनीति में वंशवाद की प्रवृत्ति विभिन्न दलों और राज्यों में अलग-अलग स्तर पर मौजूद है।

और पढ़ें: भारत में लगभग 30% सांसद और विधायक गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share