कंस्ट्रक्शन में एआई और सतत प्रथाएं बढ़ा रही गुणवत्ता और सुरक्षा
AI और सतत प्रथाओं के उपयोग से निर्माण क्षेत्र में गुणवत्ता, सुरक्षा और दीर्घायु बढ़ रही है। डिजिटल ट्विन्स, सेंसर और ऑटोमेशन मानवीय त्रुटियों को कम कर रहे हैं।
निर्माण क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सतत (sustainable) प्रथाओं का बढ़ता उपयोग गुणवत्ता, सुरक्षा और दीर्घायु में सुधार ला रहा है। 1Lattice के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमर चौधरी के अनुसार, AI-ड्रिवन मिक्सिंग, एम्बेडेड सेंसर, डिजिटल ट्विन्स और ऑटोमेशन जैसी तकनीकों ने निर्माण प्रक्रियाओं को अधिक सटीक और सुरक्षित बनाया है।
चौधरी ने बताया कि AI-ड्रिवन मिक्सिंग सामग्री के सही अनुपात और मिश्रण को सुनिश्चित करती है, जिससे निर्माण की मजबूती बढ़ती है और मानवीय त्रुटियों की संभावना कम होती है। इसी तरह, एंबेडेड सेंसर संरचनात्मक कमजोरियों और संभावित जोखिमों का जल्दी पता लगाने में मदद करते हैं, जिससे समय रहते सुधारात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
डिजिटल ट्विन्स के उपयोग से निर्माण परियोजनाओं का वर्चुअल मॉडल तैयार होता है, जिससे वास्तविक निर्माण और डिज़ाइन के बीच तुलना कर गुणवत्ता नियंत्रित की जा सकती है। ऑटोमेशन तकनीक न केवल कार्यकुशलता बढ़ाती है बल्कि मानव श्रम पर निर्भरता घटाकर सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती है।
और पढ़ें: अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी का दिल्ली आगमन, भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर चर्चा
चौधरी ने कहा कि सतत प्रथाओं और AI तकनीकों के संयोजन से निर्माण कार्य दीर्घकालिक स्थायित्व और पर्यावरणीय जिम्मेदारी दोनों सुनिश्चित होती हैं। यह निर्माण कंपनियों को ऊर्जा की बचत, कचरे में कमी और संसाधनों के बेहतर उपयोग में भी मदद करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में निर्माण उद्योग में AI और टिकाऊ प्रथाओं का रोल और बढ़ेगा, जिससे परियोजनाओं की गुणवत्ता, समय पर पूर्णता और सुरक्षा मानकों में सुधार होगा।