एयर इंडिया क्रैश: सुप्रीम कोर्ट ने पायलट को दोषी नहीं ठहराया, संभावित कारणों पर बनी चर्चा
सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया क्रैश में पायलट को दोषी नहीं ठहराया। दुर्घटना के संभावित कारणों में इलेक्ट्रिकल दोष और सुरक्षा फीचर शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर क्रैश मामले में पायलट को दोषी नहीं ठहराया। इस विमान दुर्घटना में जून 2025 में अहमदाबाद के पास 260 लोग मारे गए थे। कोर्ट ने पायलट सुमीत सभरवाल के पिता पुष्करज सभरवाल को भरोसा दिलाया कि उनके पुत्र को किसी भी तरह का दोष नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, DGCA और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को नोटिस जारी किया।
AAIB की जुलाई में जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजनों को ईंधन आपूर्ति से काट दिया गया था। स्विच लगभग 10 सेकंड बाद ऑन किए गए, लेकिन तब तक इंजन बंद हो चुके थे, जिससे विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विशेषज्ञों की रिपोर्ट में संभावित कारणों के रूप में इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट और पानी के कारण ईंधन प्रवाह बंद होना बताया गया है। यह सुरक्षा फीचर के तहत हुआ, लेकिन इंजन पुनः शुरू होने के बावजूद पर्याप्त ऊँचाई और गति न होने के कारण विमान क्रैश हुआ।
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कुछ रिपोर्टों में यह भी संभावना जताई गई कि एक पायलट ने जानबूझकर ईंधन कटऑफ किया, हालांकि FAA ने इसे मेकैनिकल दोष नहीं माना। कोई अंतरराष्ट्रीय एजेंसी बोइंग 787 को तकनीकी कारणों से ग्राउंड करने की सलाह नहीं दी।
एयरलाइन और पायलट संघ ने सरकार से सभी बोइंग 787 विमानों की इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जाँच करने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि AAIB की विस्तृत रिपोर्ट जल्द और विश्वसनीय रूप से जारी होनी चाहिए, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके।