धमकी क्यों समझें?: आपके पास वोट, मेरे पास फंड बयान पर अजित पवार की सफाई
अजित पवार ने “वोट आपके, फंड मेरे” बयान को लेकर दी सफाई, कहा यह धमकी नहीं बल्कि विकास पर जोर है। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाए।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने बयान “आपके पास वोट हैं और मेरे पास फंड” को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने बारामती तहसील के मालेगांव नगर पंचायत चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वे उन्हीं क्षेत्रों के लिए फंड जारी करेंगे जहां की उनके उम्मीदवार जीतते हैं। विपक्ष ने इस बयान को “धमकी” करार दिया है।
रविवार को सफाई देते हुए पवार ने कहा कि उनका बयान किसी भी तरह की धमकी नहीं था, बल्कि केवल विकास पर केंद्रित संदेश था। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की कई योजनाएं मिलकर लागू की जाती हैं, और यदि सभी मिलकर काम करें तो क्षेत्र का विकास सुनिश्चित किया जा सकता है।
उन्होंने दोहराया कि यदि सभी NCP उम्मीदवार जीतते हैं तो वे वादे पूरे करेंगे, लेकिन यदि मतदाता उनके उम्मीदवारों को “काटते” हैं तो वे भी फंड “काटेंगे”। उन्होंने कहा, “आपके पास वोट देने की ताकत है, और मेरे पास फंड जारी करने की। अब तय करें क्या करना है।”
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अजित पवार ने कहा कि वे आलोचनाओं को महत्व नहीं देते और उनका लक्ष्य क्षेत्र का विकास है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य से मिलने वाले फंड क्षेत्र की बुनियादी जरूरतों पर खर्च किए जाने चाहिए और विकास ही उनका एजेंडा है।
जब उनसे पूछा गया कि उनका बयान धमकी था या नहीं, तो उन्होंने कहा, “यह धमकी कैसे है? चुनाव से पहले सब लोग वादे करते हैं।” उन्होंने तेजस्वी यादव का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी बिहार चुनावों में हर घर नौकरी का वादा किया था।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी पवार के बयान को चुनावी माहौल का हिस्सा बताया।
विपक्ष ने चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि फंड जनता के टैक्स से आते हैं, न कि पवार के घर से। कांग्रेस और शिवसेना (UBT) ने इस बयान को “वोटरों को धमकाने” जैसा बताया।
नगर पंचायत चुनाव 2 दिसंबर को होंगे।
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