अल फलाह यूनिवर्सिटी के आतंक लिंक: जयपुर, अहमदाबाद और गोरखपुर ब्लास्ट से जुड़े नए खुलासे
अल फलाह यूनिवर्सिटी के छात्र मिर्ज़ा शादाब बेग के गोरखपुर, जयपुर और अहमदाबाद धमाकों से जुड़े होने के बाद, विश्वविद्यालय पर आतंक मॉड्यूल और गंभीर अनियमितताओं के नए आरोप उभरे हैं।
फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी, जो हाल ही में दिल्ली ब्लास्ट के मास्टरमाइंड से जुड़े "व्हाइट कॉलर" टेरर मॉड्यूल और मनी लांड्रिंग जांच के केंद्र में है, पहले भी कई बड़े आतंकी मामलों से जुड़ी रही है। अब पता चला है कि इससे पहले भी एक और छात्र मिर्ज़ा शादाब बेग, इंडियन मुजाहिदीन (IM) का अहम सदस्य, इसी विश्वविद्यालय में पढ़ता था।
सूत्रों के अनुसार, उमर मोहम्मद उर्फ उमर नबी — जो 10 नवंबर को लाल किले के पास सफेद Hyundai i20 में विस्फोट का आरोपी है — इस विवादित विश्वविद्यालय से जुड़ा पहला आतंकी नहीं है।
मिर्ज़ा शादाब बेग, निवासी आज़मगढ़ (उ.प्र.), ने 2007 में यहां से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में बी.टेक किया। उसी दौरान वह गोरखपुर, जयपुर और अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट की साज़िश में शामिल हुआ।
बेग 2007 के गोरखपुर ब्लास्ट में शामिल था और उसकी संपत्ति बाद में जब्त कर ली गई।
2008 में वह कर्नाटक के उडुपी गया, जहां से उसने जयपुर धमाकों के लिए विस्फोटक सामग्री इकट्ठी की। उसने रियाज़ भटकल और यासीन भटकल को बड़ी संख्या में डेटोनेटर और बियरिंग्स भी सप्लाई किए।
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इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई के कारण वह बम बनाने की तकनीक में माहिर था।
अहमदाबाद ब्लास्ट से पहले उसने पूरे शहर का रेक्की किया और तीन टीमों के साथ लॉजिस्टिक सपोर्ट, बम तैयार करना और IM सदस्यों को प्रशिक्षण देने का काम संभाला।
वह 2019 में अफगानिस्तान में आखिरी बार देखा गया और उस पर ₹1 लाख का इनाम है।
गोरखपुर, जयपुर और अहमदाबाद धमाके
- मई 2007: गोरखपुर—लंच बॉक्स में रखे तीन बम फटे, छह घायल।
- मई 2008: जयपुर—9 धमाके, 60 से अधिक मौतें।
- जुलाई 2008: अहमदाबाद—20 धमाके, 50 से अधिक मौतें।
पुलिस ने IM और SIMI से जुड़े लोगों को जिम्मेदार माना।
अल फलाह यूनिवर्सिटी पर FIR
यूजीसी और NAAC द्वारा बड़ी अनियमितताओं के खुलासे के बाद धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के दो FIR दर्ज किए गए। पुलिस ने ओखला स्थित दफ्तर पर भी छापा मारा।
लाल किला ब्लास्ट (10 नवंबर)
उमर द्वारा चलाए जा रहे i20 में विस्फोट हुआ, 13 लोग मारे गए और 23 लोग घायल हुए। यह घटना 2,900 किलो विस्फोटक जब्ती और जेईएम व AGH से जुड़े मॉड्यूल के पर्दाफाश के कुछ घंटे बाद हुई।
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