पूर्व महाराष्ट्र मंत्री अनिल देशमुख पर हमले की जांच बंद, मामला ‘झूठा’ घोषित
नागपुर ग्रामीण पुलिस ने पूर्व मंत्री अनिल देशमुख पर हमले की जांच पूरी कर इसे झूठा मामला घोषित किया। फॉरेंसिक और पूछताछ में कोई सबूत नहीं मिले।
पूर्व महाराष्ट्र मंत्री अनिल देशमुख पर कथित हमले के मामले में नागपुर ग्रामीण पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर दी है और इसे ‘झूठा’ मामला घोषित कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने ‘बी समरी’ रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें कहा गया है कि फॉरेंसिक जांच और शिकायत में उठाए गए दावों की जांच करने पर कोई सबूत नहीं मिला।
पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत तथ्यों और दावों की पूरी तरह से पड़ताल की गई। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट, वीडियो और साक्ष्यों की जांच के बाद स्पष्ट हुआ कि घटना को लेकर कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। इसके आधार पर नागपुर ग्रामीण पुलिस ने केस को बंद करने का निर्णय लिया।
अधिकारियों ने कहा कि इस निर्णय के पीछे कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है और सभी जांच-पड़ताल निष्पक्ष ढंग से की गई। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मामले को बंद करने का मतलब यह नहीं है कि सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया, बल्कि जांच में यह प्रमाणित हुआ कि कोई वास्तविक हमला नहीं हुआ।
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इस फैसले के बाद अनिल देशमुख और उनके समर्थक राहत महसूस कर रहे हैं। इससे पहले, मामला राजनीतिक और मीडिया में काफी चर्चा में रहा था। पुलिस का कहना है कि जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई और सभी पक्षों से आवश्यक पूछताछ की गई।
अधिकारियों ने जनता से अपील की कि वे निष्कर्ष को समझें और अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक सभी शिकायतों की गंभीरता से जांच की जाती है, लेकिन जब दावे पुष्ट नहीं होते हैं, तो मामला बंद कर दिया जाता है।
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