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असम मंत्री अशोक सिंघल की गोभी पोस्ट विवादों में घिरी, नेटिज़न्स ने इसे 1989 भागलपुर दंगों से जोड़कर असंवेदनशील कहा। बिहार चुनाव नतीजों के बाद शुरू हुआ विरोध।

असम मंत्री अशोक सिंघल की ‘गोभी’ पोस्ट विवादों में घिरी, नेटिज़न्स ने इसे 1989 भागलपुर दंगों से जोड़कर असंवेदनशील कहा। बिहार चुनाव नतीजों के बाद शुरू हुआ विरोध।

बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के तुरंत बाद असम के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री अशोक सिंघल की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। सिंघल ने एनडीए की प्रचंड जीत—243 में से 202 सीटें—के बाद एक गोभी के खेत की तस्वीर साझा करते हुए कैप्शन लिखा, “बिहार अप्रूव्स गोभी फार्मिंग।”

यह पोस्ट देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और कई नेटिज़न्स ने दावा किया कि सिंघल ने इस टिप्पणी के जरिए 1989 के भागलपुर दंगों से जुड़े एक बेहद दर्दनाक और अमानवीय घटना की ओर इशारा किया है। यूज़र्स ने कहा कि पोस्ट का ‘गोभी’ संदर्भ दंगों के उस काले अध्याय से मेल खाता है, जिसमें अत्यधिक हिंसा हुई थी।

कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस पोस्ट को “असंवेदनशील”, “उकसाने वाला” और “ऐतिहासिक त्रासदी का मज़ाक उड़ाने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि नेताओं को चुनावी उत्साह में भी ऐसी संवेदनशील घटनाओं को तंज के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए।

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हालांकि, अशोक सिंघल की ओर से अभी तक इस विवाद पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है। उनके समर्थकों का कहना है कि विरोधियों ने पोस्ट के अर्थ को गलत तरीके से पेश किया है और यह केवल चुनाव नतीजों पर एक हल्का-फुल्का व्यंग्य था।

बिहार चुनावों में एनडीए की बड़ी जीत के बाद सोशल मीडिया पर विभिन्न राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही थीं, लेकिन सिंघल की यह ‘गोभी’ पोस्ट सबसे ज्यादा चर्चा में बनी रही। इस विवाद ने एक बार फिर दिखाया कि सोशल मीडिया पर नेताओं की हर टिप्पणी को तीखी प्रतिक्रिया मिल सकती है, खासकर जब वह किसी संवेदनशील ऐतिहासिक घटना से जुड़ी मानी जाए।

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