×
 

आंध्र प्रदेश के अत्रेयपुरम पुथारेकुलु की सफलता के पीछे महिलाओं की कड़ी मेहनत

आंध्र प्रदेश की ‘अत्रेयपुरम पुथारेकुलु’ मिठाई ने वैश्विक पहचान हासिल की। इसकी सफलता में स्थानीय महिलाओं की कठिन मेहनत, पारंपरिक कला और समर्पण अहम भूमिका निभाते हैं।

आंध्र प्रदेश के गोडावरी क्षेत्र की प्रसिद्ध मिठाई ‘अत्रेयपुरम पुथारेकुलु’ ने अपनी पारंपरिक और अनोखी स्वाद के लिए वैश्विक स्तर पर पहचान हासिल की है। यह मिठाई स्थानीय लोगों के लिए सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व का प्रतीक बन चुकी है।

‘पुथारेकुलु’ बनाने की कला अधिकांशतः अत्रेयपुरम मंडल की महिलाओं द्वारा संरक्षित की जा रही है। यह पारंपरिक व्यंजन पीढ़ियों से तैयार किया जा रहा है और इसमें हर परत, हर चाशनी की प्रक्रिया हाथ से की जाती है। इस काम में महीनों का अभ्यास और धैर्य चाहिए होता है। महिलाएं प्रतिदिन लगभग 1,000 रुपये कमाने के लिए कई घंटों तक इस मेहनतपूर्ण प्रक्रिया में लगी रहती हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, मिठाई की लोकप्रियता का मुख्य कारण इसकी हस्तशिल्प तकनीक और पारंपरिक स्वाद है। पुथारेकुलु की पतली परतें और तंतुमय बनावट इसे अन्य मिठाइयों से अलग बनाती हैं। इसे बनाने में कोई मशीन का उपयोग नहीं किया जाता, जिससे इसका हर टुकड़ा हाथ से तैयार होने के कारण अनोखा और उच्च गुणवत्ता वाला होता है।

और पढ़ें: 2047 तक विकसित भारत : आंध्र प्रदेश में 13,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 21वीं सदी भारत की होगी

स्थानीय महिलाएं न केवल मिठाई बनाने में माहिर हैं, बल्कि इसे बाजार में पहुंचाने और वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में भी योगदान देती हैं। उनकी मेहनत ने इस पारंपरिक व्यंजन को विदेशी बाजारों तक पहुँचाया है और यह अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध हो रहा है।

आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से यह मिठाई अत्रेयपुरम के समुदाय और महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुकी है। इसके माध्यम से पारंपरिक कला, संस्कृति और महिला रोजगार को भी बढ़ावा मिल रहा है।

और पढ़ें: सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कुरुपम और अनंतपुर घटनाओं की समीक्षा की, जांच के आदेश दिए

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share