दोहरा PAN कार्ड मामला: आज़म खान और बेटे अब्दुल्ला को सात साल तक की सजा
आजम खान और अब्दुल्ला आज़म को फर्जी पैन कार्ड मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल तक की सज़ा सुनाई गई। अदालत ने दोनों को साजिश और जालसाजी का आरोपी माना।
समाजवादी पार्टी (एसपी) के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को सोमवार (17 नवंबर 2025) को विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने दो अलग-अलग जन्म तिथियों के आधार पर दो पैन कार्ड प्राप्त करने के मामले में दोषी ठहराते हुए सात साल तक की सजा सुनाई। यह मामला वर्ष 2019 में दर्ज किया गया था।
विशेष मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने दस्तावेजी सबूतों और गवाहों की गवाही की जांच करने के बाद दोनों को दोषी करार दिया। अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मौर्य ने पत्रकारों को बताया कि अदालत ने पाया कि अब्दुल्ला ने अपने पिता के साथ मिलकर षड्यंत्र में एक फर्जी पैन कार्ड बनवाया और उसे आधिकारिक रिकॉर्ड में जमा किया।
उन्होंने यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष इस सज़ा की समीक्षा करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो कम सज़ा मानकर अपील दायर कर सकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या सजा के बाद दोनों को हिरासत में लिया जाएगा, तो उन्होंने कहा, “हाँ, बिल्कुल।”
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यह मामला 2019 में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना द्वारा रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज कराया गया था। इसमें आईपीसी की धाराएं 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग) और 120-बी (आपराधिक साजिश) शामिल हैं।
अभियोजन के अनुसार, अब्दुल्ला ने आयकर विभाग से एक पैन कार्ड प्राप्त किया, जिसमें उनकी जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज थी, जो उनके स्कूल और हाई स्कूल प्रमाणपत्रों से मेल खाती थी। यही तिथि उनके राज्य बैंक ऑफ इंडिया खाते में भी दर्ज थी। अदालत ने माना कि उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर दूसरा जाली पैन कार्ड तैयार किया और उसे सरकारी अभिलेखों में उपयोग किया।
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