डूंगरपुर जबर्दस्ती बेदखली मामले में एसपी नेता आज़म खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डूंगरपुर बेदखली मामले में एसपी नेता आज़म खान को जमानत दी। एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सज़ा सुनाई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से पूर्व विधायक आज़म खान को बड़ी राहत देते हुए जमानत प्रदान की है। यह जमानत उन्हें डूंगरपुर 'जबर्दस्ती बेदखली' मामले में दी गई है।
न्यायमूर्ति समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश सुनाया। आज़म खान ने रामपुर स्थित एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई गई 10 साल की सज़ा और दोषसिद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी। इसी अपील पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें जमानत प्रदान की।
मामला डूंगरपुर की उस घटना से जुड़ा है, जिसमें आज़म खान और उनके समर्थकों पर जबर्दस्ती लोगों को उनकी संपत्ति से बेदखल करने का आरोप लगाया गया था। एमपी/एमएलए कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी ठहराया था और 10 साल की कैद की सज़ा सुनाई थी। इसके खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
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आजम खान लंबे समय से विभिन्न मामलों में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। रामपुर और आसपास के इलाकों में उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें ज़मीन कब्ज़ा, सरकारी संपत्ति को नुकसान और भ्रष्टाचार जैसे आरोप शामिल हैं।
जमानत मिलने के बाद आज़म खान के समर्थकों ने इसे न्याय की जीत बताया और उम्मीद जताई कि आगे भी अदालतों से उन्हें राहत मिलेगी।
हालांकि, विपक्षी दलों का कहना है कि आज़म खान पर लगे आरोप गंभीर हैं और कानून के अनुसार उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए। वहीं, एसपी नेताओं का कहना है कि आज़म खान को राजनीतिक द्वेष का शिकार बनाया गया है।
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