बच्चू कडू का प्रदर्शन: नागपुर में हाईवे और सड़कें खाली, पुलिस ने दी हाईकोर्ट को रिपोर्ट
नागपुर पुलिस ने बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि बच्चू कडू के आंदोलन के बाद हाईवे और सड़कों पर यातायात बहाल हो गया है। अदालत ने आगे अशांति रोकने के निर्देश दिए।
पूर्व मंत्री और प्रहार जनशक्ति पार्टी (PJP) के नेता बच्चू कडू द्वारा किसान कर्जमाफी की मांग को लेकर नागपुर में किए जा रहे प्रदर्शन के बाद, वहां के राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य सड़कों से प्रदर्शनकारियों को हटा दिया गया है। यह जानकारी नागपुर शहर के पुलिस आयुक्त रविंदर सिंगल ने गुरुवार (30 अक्टूबर, 2025) को बॉम्बे हाईकोर्ट को दी।
हाईकोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़क और रेल यातायात में आगे किसी भी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो, इसके लिए आवश्यक कदम पहले से उठाए जाएं। अदालत की नागपुर पीठ ने यह निर्देश तब दिया जब पुलिस ने बताया कि बच्चू कडू और उनके समर्थक, यदि राज्य सरकार के साथ वार्ता असफल रही, तो ‘रेल रोको आंदोलन’ करने की योजना बना रहे हैं।
बच्चू कडू ने 28 अक्टूबर से ‘महाअल्गार मोर्चा’ के तहत हजारों समर्थकों के साथ नागपुर शहर की सीमा पर हाईवे और अन्य सड़कों पर प्रदर्शन किया था। अदालत ने 29 अक्टूबर को स्वतः संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया था कि आंदोलन तत्काल समाप्त किया जाए क्योंकि इसकी अनुमति नहीं ली गई थी।
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आयुक्त सिंगल ने अपने हलफनामे में बताया कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कडू ने वार्ता विफल होने पर रेल रोको आंदोलन की चेतावनी दी थी। उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि इसे रोकने का आदेश दिया जाए, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।
कडू के वकील हरिओम धागे ने अदालत को बताया कि नेता ने रेल रोको आंदोलन रद्द कर दिया है और अपनी मांगों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुंबई में मुलाकात करेंगे। अदालत ने इस कदम को सराहनीय बताया और कहा कि यह “एक अच्छा उदाहरण” है।
अदालत ने संबंधित विभागों—रेल मंत्रालय, रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय प्रशासन—को टीम के रूप में काम करने के निर्देश दिए और मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को तय की।
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