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बांग्लादेश के गायक जेम्स का कॉन्सर्ट रद्द, भीड़ ने कार्यक्रम स्थल पर पथराव किया

बांग्लादेश के फरीदपुर के गायक जेम्स का कॉन्सर्ट भीड़ के पथराव के बाद रद्द हुआ, जिससे देश में कलाकारों और सांस्कृतिक संस्थानों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हुए।

बांग्लादेश के लोकप्रिय गायक जेम्स का कॉन्सर्ट भीड़ द्वारा पथराव किए जाने के बाद रद्द कर दिया गया। यह घटना ढाका से लगभग 120 किलोमीटर दूर फरीदपुर में हुई, जहां हाल के दिनों में कलाकारों, सांस्कृतिक संस्थानों और कार्यक्रमों पर हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।

रिपोर्टों के अनुसार, यह कॉन्सर्ट शुक्रवार रात 9 बजे एक स्थानीय स्कूल की वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया जाना था। कार्यक्रम शुरू होने से पहले हमलावरों के एक समूह ने जबरन कार्यक्रम स्थल में घुसने की कोशिश की और वहां मौजूद दर्शकों पर ईंट-पत्थर फेंके। स्थानीय लोगों का कहना है कि छात्रों ने हमलावरों का विरोध किया, लेकिन स्थिति बिगड़ने के बाद स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर कॉन्सर्ट रद्द करना पड़ा।

प्रसिद्ध लेखिका तसलीमा नसरीन ने इस घटना को उजागर करते हुए बांग्लादेश में बनते जा रहे एक खतरनाक चलन पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्होंने लिखा कि छायानट जैसे सांस्कृतिक केंद्र को जला दिया गया और उदिची जैसी संस्था, जो संगीत, नाटक, नृत्य और लोक संस्कृति के माध्यम से धर्मनिरपेक्ष चेतना फैलाती थी, उसे भी नष्ट कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कट्टरपंथी तत्वों ने मशहूर गायक जेम्स को भी मंच पर गाने नहीं दिया।

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तसलीमा नसरीन ने यह भी बताया कि कुछ दिन पहले मैहर घराने के प्रसिद्ध कलाकार सिराज अली खान ढाका आए थे, लेकिन सुरक्षा की कमी के कारण बिना प्रस्तुति दिए भारत लौट गए। इसी तरह उस्ताद राशिद खान के बेटे अरमान खान ने भी हाल ही में ढाका आने से इनकार कर दिया।

जेम्स बांग्लादेश के मशहूर गायक, गीतकार और रॉक बैंड ‘नगर बाउल’ के लीड सिंगर हैं। उन्होंने ‘गैंगस्टर’ फिल्म का ‘भीगी भीगी’ और ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ का ‘अलविदा’ जैसे कई लोकप्रिय हिंदी गीत भी गाए हैं। उनके कॉन्सर्ट पर हमला इस बात का संकेत माना जा रहा है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्व लगातार मजबूत होते जा रहे हैं।

हाल के समय में बांग्लादेश में कट्टरपंथी भीड़ द्वारा सांस्कृतिक संस्थानों, कलाकारों, पत्रकारों और मीडिया कार्यालयों पर हमले बढ़े हैं। आलोचकों का आरोप है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार इन घटनाओं को रोकने में विफल रही है और फरवरी में प्रस्तावित चुनावों को टालने के लिए जानबूझकर कानून-व्यवस्था बिगाड़ी जा रही है।

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