मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी पास पर रोक, पारदर्शिता और ऑडिट की पहल
मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में वीआईपी पास पर रोक लगाई गई। समिति ने वित्तीय पारदर्शिता के लिए विशेष ऑडिट और सुविधाओं के सुधार के कदम उठाने का निर्णय लिया।
मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है। पूर्व हाईकोर्ट न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति ने मंदिर में वीआईपी पास व्यवस्था पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। समिति का मानना है कि यह कदम मंदिर में समानता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
अक्सर देखा गया था कि वीआईपी पास के जरिए विशेष व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाती थी, जिससे आम श्रद्धालुओं को लंबी प्रतीक्षा और असुविधा झेलनी पड़ती थी। इस फैसले के बाद सभी भक्त बिना किसी भेदभाव के नियमित कतार व्यवस्था से ही दर्शन कर सकेंगे।
समिति ने न केवल वीआईपी पास व्यवस्था को खत्म किया है, बल्कि मंदिर की वित्तीय पारदर्शिता और आधारभूत संरचना सुधारने के लिए भी कदम उठाए हैं। इसके तहत मंदिर की आय-व्यय का विशेष ऑडिट कराने का अनुरोध किया गया है, ताकि वित्तीय मामलों में किसी भी तरह की अनियमितता को रोका जा सके।
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इसके अलावा मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए बेहतर भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता व्यवस्था और सुविधाओं में सुधार की दिशा में भी पहल की जा रही है। समिति ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि मंदिर परिसर में सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह कदम मंदिर प्रबंधन को और पारदर्शी बनाएगा तथा सभी श्रद्धालुओं को समान अवसर देगा।
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