मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले वकील को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने किया निलंबित, कहा— अदालत की गरिमा के विपरीत आचरण
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीजेआई गवई पर जूता फेंकने वाले वकील को निलंबित किया, कहा—यह अदालत की गरिमा और पेशे की मर्यादा के खिलाफ गंभीर कृत्य है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने एक वकील को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस एस. वी. एन. भावानी गवई पर जूता फेंकने की घटना के बाद निलंबित कर दिया है। यह घटना न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली बताई गई है।
बार काउंसिल ने अपने आदेश में कहा कि इस तरह का व्यवहार अदालत की गरिमा और वकीलों के नैतिक आचरण के पूर्णतः विपरीत है। आदेश में स्पष्ट किया गया कि वकील का यह कदम न केवल न्यायालय की मर्यादा का उल्लंघन है बल्कि यह पेशे की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाता है।
रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब मुख्य न्यायाधीश गवई की अध्यक्षता वाली पीठ एक मामले की सुनवाई कर रही थी। वकील ने अचानक जूता निकालकर न्यायालय की दिशा में फेंक दिया। सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और वकील को कोर्ट रूम से बाहर ले जाया गया।
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BCI ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए कहा कि अदालतें लोकतंत्र की आधारशिला हैं और उनका अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। काउंसिल ने वकील का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से निलंबित करते हुए कहा कि आगे की जांच पूरी होने तक वह किसी भी अदालत में प्रैक्टिस नहीं कर सकेगा।
इस बीच, कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं और बार एसोसिएशनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा कि ऐसे आचरण से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सम्मान पर आंच आती है।