मतदाता सूची संशोधन में बड़ा अंतर: ममता बनर्जी के भवानीपुर में नंदीग्राम से चार गुना अधिक नाम कटे
चुनाव आयोग के आंकड़ों में भवानीपुर में नंदीग्राम से चार गुना अधिक मतदाता नाम हटे हैं। SIR प्रक्रिया के तहत कुल 58 लाख से ज्यादा नाम कटे, जिससे राजनीतिक बहस तेज हुई।
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा जारी निर्वाचन क्षेत्र-वार आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से नाम हटाने की संख्या विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नंदीग्राम क्षेत्र की तुलना में लगभग चार गुना अधिक रही है। ये आंकड़े शुक्रवार को उस समय जारी किए गए, जब विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन—SIR) प्रक्रिया के तहत गणना प्रपत्र जमा करने की समय-सीमा समाप्त हो चुकी थी।
दक्षिण कोलकाता स्थित भवानीपुर, जिसे ममता बनर्जी का ‘पॉकेट बरो’ माना जाता है, में जनवरी 2025 की मतदाता सूची में दर्ज 2,06,295 मतदाताओं में से 44,787 नाम हटाए गए। वहीं, नंदीग्राम में कुल 2,78,212 मतदाताओं में से 10,599 नाम हटाए गए। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि ये हटाने मानक श्रेणियों—मृत्यु, स्थानांतरण, पता न मिलना और डुप्लीकेट प्रविष्टियों—के तहत किए गए हैं और राज्यभर में समान मापदंड अपनाए गए हैं।
हालांकि, भवानीपुर सबसे अधिक नाम कटने वाला क्षेत्र नहीं रहा। राज्य की 294 विधानसभा सीटों में सबसे ज्यादा 74,553 नाम उत्तर कोलकाता के चौरंगी से हटाए गए, जहां तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की विधायक नयना बंद्योपाध्याय प्रतिनिधित्व करती हैं। कोलकाता पोर्ट (63,730), बैलीगंज (65,171), बेहाला पश्चिम (52,247) और बेहाला पूर्व (53,036) जैसे क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में नाम हटे।
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भाजपा-शासित या प्रतिनिधित्व वाली सीटों में आसनसोल दक्षिण (39,202) और सिलीगुड़ी (31,181) में नंदीग्राम से अधिक, लेकिन कोलकाता पोर्ट से कम नाम हटे। जिला स्तर पर दक्षिण 24 परगना में सबसे अधिक 8,16,047 नाम हटाए गए, जबकि बांकुड़ा के कोतुलपुर में सबसे कम 5,678 नाम कटे।
कुल मिलाकर SIR के पहले चरण में 58 लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं। मसौदा मतदाता सूची मंगलवार को जारी होगी। टीएमसी ने जहां आंकड़ों की बारीकी से जांच की बात कही है, वहीं भाजपा ने इसे फर्जी मतदाताओं के खिलाफ कार्रवाई का प्रमाण बताया है। 2026 विधानसभा चुनावों से पहले यह मुद्दा राजनीतिक बहस को और तेज कर सकता है।
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