बिहार चुनाव : INDIA गठबंधन का वक्फ़ एक्ट पर हमला, सत्ता में आने पर खत्म करने का ऐलान
तेजस्वी यादव ने वक्फ़ संशोधन अधिनियम को रद्द करने और पंचायती राज प्रतिनिधियों का भत्ता दोगुना करने का वादा किया। सीपीआई(एमएल) लिबरेशन ने भूमि और किसानों के अधिकारों पर जोर दिया।
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच विपक्षी INDIA गठबंधन ने रविवार (26 अक्टूबर 2025) को वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम पर कड़ा रुख अपनाया और सत्ता में आने के बाद इसे पूरी तरह रद्द करने का ऐलान किया।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बिहार में गठबंधन की सरकार बनती है तो “वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि पंचायती राज प्रतिनिधियों के भत्ते को दोगुना किया जाएगा ताकि ग्रामीण प्रशासनिक ढांचे को और मज़बूत किया जा सके।
इसी बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने भी अपना “संकल्प पत्र” जारी किया। इसमें भूमिहीनों के लिए न्याय, लगभग 21 लाख एकड़ भूमि के पुनर्वितरण, किसानों और ग्रामीण मज़दूरों के लिए ऋण माफी, और पिछड़े वर्गों के लिए 65% आरक्षण जैसे वादे शामिल हैं।
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सीपीआई(एमएल) लिबरेशन ने कहा कि यह चुनाव बिहार में सामाजिक न्याय, समानता और किसान-मज़दूरों के अधिकारों की दिशा में निर्णायक मोड़ साबित होगा।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 16 नेताओं को निष्कासित कर दिया, जिनमें एक मौजूदा विधायक और दो पूर्व मंत्री शामिल हैं। बताया गया कि इनमें से कई नेता एनडीए के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
बिहार में इस बार का चुनाव सत्ता परिवर्तन की दृष्टि से अहम माना जा रहा है, जहां एनडीए और INDIA गठबंधन दोनों अपने-अपने घोषणापत्र और वादों के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में जुटे हैं।
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