×
 

बीजेपी और जेडीयू ने बिहार उम्मीदवार सूची में पिछड़ी जातियों पर दिया जोर, महिलाओं के लिए 13% सीटें आरक्षित

बीजेपी और जेडीयू ने बिहार उम्मीदवार सूची में पिछड़ी जातियों पर जोर दिया और महिलाओं के लिए 13% सीटें आरक्षित कीं, सामाजिक न्याय और राजनीतिक संतुलन पर ध्यान केंद्रित किया।

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) [JD(U)] ने अपनी उम्मीदवार सूची में पिछड़ी जातियों और महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया है। दोनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करते समय सामाजिक न्याय और आरक्षण को ध्यान में रखते हुए कई सीटों को पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित किया है।

सूत्रों के अनुसार, बीजेपी और जेडीयू ने महिलाओं के लिए कुल उम्मीदवारों में 13% सीटें आरक्षित की हैं, ताकि महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा सके। पिछड़ी जातियों पर जोर देने का मकसद राज्य में सामाजिक संतुलन बनाए रखना और चुनावी जनाधार मजबूत करना है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में पिछड़ी जातियों का जनसंख्या में बड़ा हिस्सा होने के कारण उनकी राजनीतिक भागीदारी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसलिए पार्टियों ने उनकी उम्मीदवारी को प्राथमिकता दी है। बीजेपी और जेडीयू की यह रणनीति चुनावी मैदान में उन्हें महत्वपूर्ण लाभ दे सकती है, क्योंकि पिछड़ी जातियों और महिलाओं के मत अक्सर निर्णायक साबित होते हैं।

और पढ़ें: लंबी बातचीत के बाद महागठबंधन में सीट बंटवारे पर बनी सहमति

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पिछड़ी जातियों और महिलाओं पर फोकस करना पार्टियों की समाज के विविध वर्गों से जुड़ने की कोशिश का संकेत है। इससे न केवल चुनावी समर्थन बढ़ेगा, बल्कि उम्मीदवारों में सामाजिक प्रतिनिधित्व की भावना भी मजबूत होगी।

बीजेपी और जेडीयू दोनों ने स्पष्ट किया है कि उम्मीदवारों का चयन योग्यता, समाज में प्रभाव और स्थानीय लोकप्रियता के आधार पर किया गया है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पिछड़ी जातियों और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी राज्य की राजनीति में नई दिशा ला सकती है।

और पढ़ें: बिहार चुनाव: जेडीयू ने जारी की 44 उम्मीदवारों की दूसरी सूची

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share