पुलिस स्टेशन में गोलीबारी मामले में पूर्व भाजपा विधायक को जमानत देने से बॉम्बे हाईकोर्ट का इंकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस स्टेशन में गोलीबारी मामले में पूर्व भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज की, कहा कि यह अपराध कानून व्यवस्था और जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस स्टेशन में गोलीबारी के मामले में गिरफ्तार पूर्व भाजपा विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि पुलिस स्टेशन जैसे सुरक्षित स्थान पर इतने बड़े पैमाने पर हिंसक अपराध होना कानून-व्यवस्था की प्रणाली और पुलिस प्रशासन की शांति व व्यवस्था बनाए रखने की क्षमता पर जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
मामला उस घटना से जुड़ा है जिसमें पूर्व भाजपा विधायक पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस थाने के अंदर गोली चलाई, जिससे वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और नागरिकों में दहशत फैल गई। इस घटना ने न केवल कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए बल्कि राज्य में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी हड़कंप मचा दिया।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस स्टेशन वह स्थान है जहां नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं और वहां किसी भी प्रकार की हिंसा को अदालत गंभीरता से देखेगी। न्यायालय ने यह भी कहा कि आरोपी की जमानत मंजूर करना गलत संदेश देगा और भविष्य में ऐसे अपराधों को बढ़ावा मिल सकता है।
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अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों से सहमति जताई कि यह अपराध अत्यंत गंभीर प्रकृति का है और आरोपी के जेल से बाहर आने पर गवाहों को प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका बनी रह सकती है।
इस फैसले के बाद राज्य में कानून व्यवस्था पर बहस तेज हो गई है, वहीं पीड़ित पक्ष ने अदालत के निर्णय का स्वागत किया है। मामला अभी भी जांच के अधीन है और आगे की सुनवाई निर्धारित समय पर की जाएगी।
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