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कैग बना रहा है बड़ा भाषा मॉडल, ऑडिट विश्लेषण में बढ़ेगी दक्षता और पारदर्शिता

कैग एक बड़ा भाषा मॉडल (LLM) विकसित कर रहा है, जिससे ऑडिट विश्लेषण में दक्षता, पारदर्शिता और स्थिरता बढ़ेगी। डिजिटलाइजेशन से रिमोट और हाइब्रिड ऑडिट भी संभव होंगे।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने घोषणा की है कि वह एक बड़ा भाषा मॉडल (Large Language Model - LLM) विकसित कर रहा है, जिसका उद्देश्य ऑडिट विश्लेषण की दक्षता, पारदर्शिता और स्थिरता को बढ़ाना है। यह पहल डिजिटल ऑडिट प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाएगी तथा सरकारी एजेंसियों और विभागों के कार्यों की गहन समीक्षा को सरल बनाएगी।

कैग ने बताया कि केंद्र और राज्यों में व्यापक स्तर पर अपनाए जा रहे डिजिटलीकरण से आने वाले समय में अधिकांश सरकारी संस्थाओं के रिमोट या हाइब्रिड ऑडिट को संभव बनाया जा सकेगा। इसका अर्थ है कि ऑडिट टीमें भौतिक रूप से उपस्थित हुए बिना भी डेटा का विश्लेषण और सत्यापन कर पाएंगी।

सूत्रों के अनुसार, यह नया भाषा मॉडल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित होगा, जो बड़े पैमाने पर डेटा का स्वचालित विश्लेषण कर सकेगा। इससे न केवल रिपोर्ट तैयार करने की गति बढ़ेगी बल्कि परिणामों की गुणवत्ता और स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।

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कैग का मानना है कि इस तकनीकी नवाचार से सरकारी खातों की जांच प्रक्रिया अधिक विश्वसनीय होगी और भ्रष्टाचार या वित्तीय गड़बड़ियों को पकड़ने में भी आसानी होगी। इसके अलावा, यह पहल ऑडिटरों की कार्यक्षमता को बढ़ाएगी और समय की बचत करेगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटलाइजेशन और AI के इस तरह के उपयोग से भारत की ई-गवर्नेंस प्रणाली और मजबूत होगी और पारदर्शिता के नए मानक स्थापित होंगे। कैग की यह पहल सरकारी कामकाज की जवाबदेही और विश्वासनीयता को और गहरा करेगी।

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