दक्षिण चीन सागर में चीन की बॉम्बर पेट्रोल उड़ान, फिलीपींस-अमेरिका-जापान की संयुक्त ड्रिल्स पर सख्त चेतावनी
चीन ने दक्षिण चीन सागर में पहली बार बॉम्बर पेट्रोल कर फिलीपींस-अमेरिका-जापान की संयुक्त गश्त को चेतावनी दी। चीन-फिलीपींस और चीन-जापान तनाव ताइवान मुद्दे पर और बढ़ा।
दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव के बीच चीन ने रविवार (16 नवंबर 2025) को पहली बार अपने लड़ाकू विमानों के साथ “बॉम्बर फॉर्मेशन पेट्रोल” किया। यह कदम फिलीपींस द्वारा अमेरिका और जापान के साथ संयुक्त समुद्री गश्त करने के जवाब में उठाया गया। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के साउदर्न थिएटर कमांड ने इसे फिलीपींस के “बाहरी देशों के साथ मिलकर किए जा रहे संयुक्त गश्त अभियान” पर कड़ी चेतावनी बताया।
चीन दक्षिण चीन सागर के बड़े हिस्से पर दावा करता है, जिसका फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान विरोध करते हैं। यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार का प्रमुख मार्ग है। PLA के अनुसार, बॉम्बर पेट्रोल पहली बार औपचारिक रूप से घोषित की गई है, जो चीन की सैन्य क्षमता का बड़ा संकेत है।
PLA प्रवक्ता सीनियर कर्नल तियान जुनली ने कहा कि फिलीपींस बार-बार बाहरी शक्तियों के साथ मिलकर संयुक्त गश्त कर क्षेत्रीय स्थिरता को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “फिलीपींस उकसावे और तनाव बढ़ाने वाली गतिविधियां तुरंत बंद करे। चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है।”
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सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि बॉम्बर फॉर्मेशन PLA की बड़ी स्ट्राइक क्षमता को दर्शाता है और बड़े जहाजों पर भी प्रभावी हमला कर सकता है। फिलीपींस द्वारा बाहरी सहयोग बढ़ाने को चीन अपनी समुद्री संप्रभुता के लिए खतरा मानता है।
हाल के महीनों में चीन और फिलीपींस की नौसेनाओं के जहाज कई बार टकरा चुके हैं, जिससे विवाद और बढ़ गया है। इसी दौरान चीन और जापान के बीच तनाव भी तेज हुआ, विशेष रूप से जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची के उस बयान के बाद जिसमें उन्होंने कहा कि ताइवान पर किसी भी सैन्य हमले को जापान की सुरक्षा के लिए खतरा माना जाएगा।
चीन ने इस बयान को “आक्रामकता” बताते हुए चेतावनी दी कि ताइवान में जापान की किसी भी सैन्य भागीदारी से “पूरा जापान युद्धभूमि में बदल सकता है।”
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