पनडुब्बी केबल क्षति मामले में नया खुलासा: ताइवान के तस्करों के नियंत्रण में था जहाज़, चीन की जांच का दावा
चीन की जांच में दावा किया गया कि पनडुब्बी केबल क्षति से जुड़े जहाज़ को ताइवान के तस्करों ने नियंत्रित किया। बीजिंग ने ताइपे पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
चीन के अधिकारियों ने बुधवार (24 दिसंबर, 2025) को कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में पनडुब्बी संचार केबलों को नुकसान पहुंचाने वाले एक जहाज़ को ताइवान के दो नागरिकों द्वारा संचालित तस्करी नेटवर्क नियंत्रित कर रहा था। चीनी जांच एजेंसियों के अनुसार, यह अभियान अवैध रूप से जमे हुए खाद्य पदार्थों को चीन में लाने से जुड़ा हुआ था।
पूर्वी चीन के शानदोंग प्रांत के वेहाई शहर के सार्वजनिक सुरक्षा ब्यूरो ने बताया कि उनकी जांच में सामने आया है कि ताइवान के दो नागरिक—जिनके उपनाम चिएन और चेन बताए गए हैं—एक बहु-जहाज़ीय तस्करी अभियान के पीछे थे। इस जांच के दौरान टोगो में पंजीकृत जहाज़ ‘होंग ताई 58’ पर सवार सात चीनी क्रू सदस्यों से पूछताछ की गई।
गौरतलब है कि जून 2025 में ताइवान की एक अदालत ने इसी जहाज़ के चीनी कप्तान को फरवरी में ताइवान के तट के पास जानबूझकर पनडुब्बी केबल को नुकसान पहुंचाने का दोषी ठहराते हुए तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। इस घटना ने ताइपे के अधिकारियों में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी थी।
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चीन ने पहले इस मामले में संभावित चीनी भूमिका को लेकर ताइवान पर “तथ्यों के सामने आने से पहले आरोप लगाने” और “मामले को राजनीतिक रूप से तोड़-मरोड़ कर पेश करने” का आरोप लगाया था। अब वेहाई पुलिस ने दोनों ताइवानी संदिग्धों की जानकारी देने या गिरफ्तारी में मदद करने पर 2.5 लाख युआन (लगभग 35,500 डॉलर) तक का इनाम घोषित किया है। चीन का कहना है कि ये दोनों 2014 से ही कस्टम विभाग की वांछित सूची में हैं।
इस बीच, चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय ने ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी पर तनाव भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि ताइपे ने तथ्यों की अनदेखी कर जानबूझकर स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। हालांकि, ताइवान की मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल ने इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
बीजिंग ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान का कहना है कि उसके भविष्य का फैसला केवल द्वीप के लोग ही कर सकते हैं।
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