कर्ज़मुक्त गाँव बनाने के लिए लोगों से हाथ मिलाने की अपील: चुक्की नंजुंडास्वामी
चुक्की नंजुंडास्वामी ने कहा कि हर घंटे एक किसान आत्महत्या करता है। उन्होंने लोगों से कर्ज़मुक्त गाँव बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की अपील की।
कर्नाटक राज्य रैथा संघ (KRRS) की नेता चुक्की नंजुंडास्वामी ने किसानों की बढ़ती आत्महत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए राज्य के लोगों से “कर्ज़मुक्त गाँव” (Loan-Free Villages) बनाने के लिए एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जब तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं किया जाता और किसानों को कर्ज़ के जाल से मुक्त नहीं किया जाता, तब तक स्थायी समाधान संभव नहीं है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों का हवाला देते हुए नंजुंडास्वामी ने बताया कि हर घंटे एक किसान आत्महत्या करता है, जो ग्रामीण भारत की गहरी आर्थिक और सामाजिक समस्या को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि यह केवल आंकड़ा नहीं, बल्कि देश की कृषि व्यवस्था की असफलता का संकेत है।
चुक्की नंजुंडास्वामी ने कहा कि किसानों को बैंकों और निजी साहूकारों के कर्ज़ से राहत दिलाने के लिए सामुदायिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे जैविक खेती, सहकारी मॉडल और स्थानीय बाजारों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कृषि ऋणों पर ब्याज दरों में कमी लानी चाहिए और छोटे किसानों के लिए विशेष सहायता पैकेज तैयार करना चाहिए।
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उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि प्रत्येक गाँव को अपनी “आर्थिक पंचायत” बनाकर कर्ज़ प्रबंधन और उत्पादन सुधार योजनाओं पर काम करना चाहिए। उनका मानना है कि यदि समाज एकजुट होकर आगे आए, तो कर्ज़मुक्त और आत्मनिर्भर गाँव बनाना संभव है।
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