×
 

कैद मंत्रियों को हटाने वाले बिल पर संयुक्त समिति या विपक्षी एकजुटता? कांग्रेस की दुविधा

कैद मंत्रियों को हटाने वाले बिलों पर कांग्रेस में मतभेद—संयुक्त समिति की मांग करे या विपक्ष संग रहे? सहयोगियों की दूरी और रणनीतिक उलझन से दुविधा गहराई।

कैद मंत्रियों को हटाने से जुड़े विधेयकों पर विचार के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने या विपक्षी एकजुटता बनाए रखने के बीच कांग्रेस गहरी दुविधा में है।

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के कई सहयोगी दल इस मुद्दे पर JPC से दूरी बना रहे हैं। उनका कहना है कि समिति गठित करने की मांग विपक्षी एकता को कमजोर कर सकती है और जनता में यह संदेश जा सकता है कि विपक्ष एक मंच पर नहीं है।

कांग्रेस के भीतर भी इस विषय पर मतभेद सामने आए हैं। एक धड़ा मानता है कि JPC के जरिए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर गहन जांच और बहस संभव है, जबकि दूसरा धड़ा चेतावनी दे रहा है कि भाजपा इसका इस्तेमाल समय खींचने और राजनीतिक लाभ उठाने के लिए कर सकती है।

और पढ़ें: सिंधिया की 2020 बगावत पर दिग्विजय और कमलनाथ आमने-सामने, एक-दूसरे पर ठहराया दोष

इन विधेयकों का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि जेल में बंद मंत्री मंत्रिमंडल में बने नहीं रह सकते। कांग्रेस चाहती है कि इस पर संसद में मजबूत रुख अपनाया जाए, लेकिन विपक्षी दलों के असहमति जताने से पार्टी के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता चिंतित हैं कि यदि पार्टी JPC की मांग छोड़ देती है, तो वह गंभीर मुद्दों पर चर्चा का अहम मंच खो देगी, और अगर वह मांग पर अड़ी रहती है, तो सहयोगियों को नाराज कर सकती है।

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला केवल एक विधायी प्रक्रिया नहीं बल्कि विपक्षी राजनीति की दिशा तय करने वाला बड़ा संकेत हो सकता है।

और पढ़ें: पीएम की डिग्री का खुलासा रोकने के आदेश को असमझनीय बताया कांग्रेस ने

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share