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नए श्रम संहिताओं की प्रभावशीलता पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस ने नई श्रम संहिताओं की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए, न्यूनतम मजदूरी, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और शहरी रोजगार गारंटी की मांग दोहराई, साथ ही ट्रेड यूनियनों ने कई प्रावधानों पर चिंता जताई।

कांग्रेस ने शनिवार (22 नवंबर 2025) को केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित नई श्रम संहिताओं (Labour Codes) पर गंभीर सवाल उठाए। पार्टी ने कहा कि यदि मोदी सरकार वास्तव में “श्रमिक न्याय” सुनिश्चित करना चाहती है, तो उसे देशभर में ₹400 प्रतिदिन की राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी, ₹25 लाख की सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी कानून लागू करना चाहिए।

यह टिप्पणी तब आई जब केंद्र ने 2020 से लंबित चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया, जिन्हें श्रमिक हितैषी सुधार बताया गया है।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि मौजूदा 29 श्रम कानूनों को केवल चार संहिताओं में समेटकर एक क्रांतिकारी सुधार के रूप में पेश किया जा रहा है, जबकि इनके नियम अभी तक अधिसूचित ही नहीं हुए हैं। उन्होंने पूछा कि क्या ये कोड वास्तव में श्रमिकों की पाँच बुनियादी मांगों को पूरा कर पाएंगे—
• ₹400 प्रतिदिन की राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी (MGNREGA सहित)
• सभी नागरिकों के लिए ₹25 लाख की स्वास्थ्य कवरेज
• शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी कानून
• असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों के लिए व्यापक सामाजिक सुरक्षा
• सरकारी कार्यों में संविदा नियुक्तियों पर रोक

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कांग्रेस नेता ने कहा कि केंद्र को कर्नाटक और राजस्थान की पूर्व कांग्रेस सरकारों से सीखना चाहिए, जिन्होंने गिग वर्करों के लिए ऐतिहासिक कानून बनाकर 21वीं सदी के श्रम सुधारों की दिशा तय की।

नए श्रम संहिताओं में समय पर न्यूनतम वेतन, गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्करों के लिए सामाजिक सुरक्षा, लंबी कार्यावधि, फिक्स्ड-टर्म रोजगार और नियोक्ता-हितैषी नियम शामिल हैं। कोड ऑफ वेजेज (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020), कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी (2020) और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (2020) जल्द ही लागू होने वाले हैं।

हालाँकि, ट्रेड यूनियनों ने छंटनी के प्रावधानों, कार्य समय बढ़ाने और सरकारों द्वारा संभावित मनमानी को लेकर चिंता व्यक्त की है। नए नियमों के तहत 100 की जगह 300 कर्मचारियों तक छंटनी या बंदी के लिए सरकार की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी।

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