मोदी छिपाते हैं, ट्रंप बताते हैं: अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे पर कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए कहा कि जो मोदी छिपाते हैं, ट्रंप बताते हैं। ट्रंप ने चौथी बार दावा किया कि भारत रूस से तेल खरीद घटा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार यह दावा किए जाने के बाद कि भारत अब रूस से बहुत कम तेल खरीदेगा, देश की राजनीति में फिर से हलचल मच गई है। कांग्रेस ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा प्रहार करने का मौका माना है। पार्टी ने व्यंग्य करते हुए कहा — “जो मोदी छिपाते हैं, ट्रंप बताते हैं।”
यह विवाद तब शुरू हुआ जब ट्रंप ने दिवाली की शुभकामनाओं के दौरान यह खुलासा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रूस से तेल आयात घटाने का आश्वासन दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि छह दिनों में यह चौथी बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की नीति का ऐलान किया है, जबकि खुद प्रधानमंत्री केवल शुभकामनाओं की बात करते हैं।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा कि भारत रूस से तेल की खरीद ‘काफी कम’ कर चुका है और दोनों देशों के बीच ‘बेहतरीन रिश्ते’ हैं। दूसरी ओर, भारत के विदेश मंत्रालय ने इस दावे को नकारते हुए कहा कि ऊर्जा खरीद का निर्णय भारतीय उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखकर लिया जाता है।
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कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप से डरते हैं और विदेश नीति पूरी तरह अमेरिका के हवाले कर दी गई है। पार्टी का कहना है कि अगर भारत की ऊर्जा नीति या व्यापारिक निर्णय वाशिंगटन की इच्छा से तय हो रहे हैं, तो यह संप्रभुता पर सीधा आघात है।
सवाल यह है — क्या भारत वैश्विक दबाव के आगे झुक रहा है या यह कूटनीति का नया रूप है? विपक्ष ने सरकार से पारदर्शिता और विपक्षी नेताओं से संवाद की मांग की है। लेकिन एक बात साफ है — मोदी और ट्रंप की “दोस्ती” अब भारतीय राजनीति का गर्म मुद्दा बन चुकी है।
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