×
 

कांग्रेस का आरोप — विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण से मध्य प्रदेश में लाखों आदिवासी मतदाता बाहर हो सकते हैं

कांग्रेस ने चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया को आदिवासियों और हाशिए पर मौजूद वर्गों के मताधिकार पर हमला बताया, आरोप लगाया कि भाजपा मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर नाम हटाने की साजिश रच रही है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव आयोग (ECI) द्वारा हाल ही में घोषित विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) प्रक्रिया की कड़ी आलोचना की है। पार्टी का दावा है कि इस प्रक्रिया से लाखों मतदाता, विशेष रूप से आदिवासी समुदाय, मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं।

राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने बुधवार को आरोप लगाया कि यह “षड्यंत्र” है, जिसके तहत सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी चुनावों से पहले प्रदेश में लगभग 50 लाख मतदाताओं को हटाने की तैयारी कर रही है।

चुनाव आयोग ने सोमवार को SIR के दूसरे चरण की घोषणा की थी, जो 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू होगा। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, गोवा, पश्चिम बंगाल, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी शामिल हैं। पहले चरण के दौरान बिहार में 68 लाख से अधिक नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे।

और पढ़ें: पश्चिम बंगाल में SIR से पहले प्रशासनिक फेरबदल: 14 ज़िलाधिकारी समेत 450 से अधिक अधिकारियों का तबादला

सिंगार ने कहा कि प्रदेश की 21% से अधिक आबादी आदिवासी है, जिनमें से अधिकतर दूरस्थ इलाकों में रहते हैं और डिजिटल प्लेटफॉर्म या जरूरी दस्तावेजों तक उनकी पहुंच सीमित है। उन्होंने बताया कि आयोग ने SIR के लिए 13 दस्तावेजों की सूची दी है, जिनमें वनाधिकार प्रमाणपत्र भी शामिल है। लेकिन प्रदेश सरकार ने मार्च 2025 तक 3 लाख से अधिक वनाधिकार दावे खारिज कर दिए हैं, जिससे आदिवासियों के मताधिकार पर खतरा मंडरा रहा है।

वामपंथी दलों ने भी इस प्रक्रिया को “संघ परिवार के एजेंडे का हिस्सा” बताया, जो गरीबों, दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश है।

 

और पढ़ें: चुनाव आयोग की घोषणा से पहले बंगाल सरकार ने 64 अफसरों का तबादला किया, 17 जिलाधिकारी शामिल

 
 
 
Gallery Gallery Videos Videos Share on WhatsApp Share