सी. पी. राधाकृष्णन ने संभाली राज्यसभा के सभापति की कमान
सी. पी. राधाकृष्णन ने राज्यसभा सभापति पद संभाला। उन्होंने लोकतांत्रिक परंपराओं, सहयोग और स्वस्थ बहस को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। राजनीतिक हलकों ने उनके नेतृत्व का स्वागत किया।
वरिष्ठ नेता सी. पी. राधाकृष्णन ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति का पदभार संभाल लिया। इसके साथ ही उन्होंने देश की संसद के उच्च सदन की कार्यवाही का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी आधिकारिक रूप से ग्रहण की।
राधाकृष्णन ने पदभार संभालते समय कहा कि वे सदन की मर्यादा, लोकतांत्रिक परंपराओं और सभी दलों के बीच सहयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्यसभा देश की नीति निर्धारण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और यहां होने वाली चर्चाओं का सीधा प्रभाव जनता के जीवन पर पड़ता है।
उन्होंने सभी दलों से आग्रह किया कि वे आपसी मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दें। राधाकृष्णन ने कहा, “सदन में स्वस्थ और सार्थक बहस ही लोकतंत्र की मजबूती का आधार है। मैं सभी सदस्यों से रचनात्मक संवाद और सहयोग की अपेक्षा करता हूं।”
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पदग्रहण समारोह में कई वरिष्ठ नेताओं और सांसदों ने भाग लिया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जिन्होंने हाल ही में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था, भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। यह उनकी इस्तीफे के बाद पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी।
संसदीय मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि राधाकृष्णन का प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव राज्यसभा के संचालन को और अधिक प्रभावी बनाएगा। वे कठिन परिस्थितियों में भी शांतिपूर्ण संवाद स्थापित करने के लिए जाने जाते हैं।
इस नियुक्ति को लेकर राजनीतिक हलकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कई नेताओं ने उम्मीद जताई है कि उनके नेतृत्व में राज्यसभा अधिक पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से कार्य करेगी।
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