CPI(ML) ने चेताया : SIR पार्टी लोकतांत्रिक अधिकारों पर संकट, वोट चोरी का खतरा
CPI(ML) महासचिव भट्टाचार्य ने चेताया कि प्रज्ञान किशोर की SIR पार्टी लोकतंत्र के लिए चुनौती और वोट चोरी का खतरा पैदा कर सकती है, संसाधनों के मामले में यह बीजेपी के बाद सबसे मजबूत।
CPI(ML) के महासचिव दिपंकर भट्टाचार्य ने हाल ही में प्रज्ञान किशोर की नई राजनीतिक पार्टी जन सुराज पार्टी (SIR) को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पार्टी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अस्थिर कर सकती है और बड़े पैमाने पर मताधिकार हनन या वोट चोरी जैसी घटनाओं को जन्म दे सकती है।
भट्टाचार्य ने कहा कि “इतनी बड़ी धनराशि और मीडिया शक्ति के साथ किसी नई पार्टी का शुभारंभ होना दुर्लभ है। संसाधनों के मामले में यह बीजेपी के बाद सबसे मजबूत पार्टी हो सकती है।” उनका मानना है कि जब किसी नए राजनीतिक संगठन के पास अत्यधिक वित्तीय और मीडिया प्रभाव होता है, तो यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असमान प्रभाव डाल सकता है।
उन्होंने चेताया कि SIR पार्टी की यह ताकत मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित करने और चुनावी प्रक्रिया में असमान प्रतिस्पर्धा पैदा करने का कारण बन सकती है। CPI(ML) का यह भी कहना है कि राजनीतिक संस्थाओं और लोकतांत्रिक निकायों को इस स्थिति पर नजर रखनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या मताधिकार हनन से बचा जा सके।
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भट्टाचार्य ने यह स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य केवल राजनीतिक चेतावनी देना है और किसी भी पार्टी को लक्ष्य बनाना नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुरक्षित रखना सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों की जिम्मेदारी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नई राजनीतिक पार्टियों की उभरती ताकतें भारतीय चुनावी परिदृश्य को बदल सकती हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्हें पारदर्शिता और जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा।
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