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सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता के.एम. सुधाकरन का निधन

सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता के.एम. सुधाकरन का 90 वर्ष की उम्र में कोच्चि में निधन हो गया, जिससे केरल के वाम आंदोलन को बड़ी क्षति हुई।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [सीपीआई(एम)] के वरिष्ठ नेता और प्रख्यात ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता के.एम. सुधाकरन का रविवार (28 दिसंबर 2025) को केरल के कोच्चि में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। पार्टी और श्रमिक आंदोलन में उनके योगदान को केरल के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास में विशेष स्थान प्राप्त है।

के.एम. सुधाकरन ने सुबह करीब 5.30 बजे उत्तरी परवूर स्थित एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों का इलाज करा रहे थे। उनके निधन से न केवल सीपीआई(एम) बल्कि पूरे वामपंथी आंदोलन और ट्रेड यूनियन जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

सुधाकरन पिछले 35 वर्षों तक सीपीआई(एम) की राज्य समिति के सदस्य रहे। इसके अलावा उन्होंने सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) के राज्य कोषाध्यक्ष के रूप में भी अहम जिम्मेदारी निभाई। श्रमिक अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए उनका संघर्ष दशकों तक जारी रहा।

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उन्होंने वर्ष 1956 में पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर ताड़ी टैपर (ताड़ी निकालने वाले मजदूर) की नौकरी छोड़कर पूर्णकालिक राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद उन्होंने वाइपीन क्षेत्र में किसानों और मजदूरों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व और संगठनात्मक क्षमता ने कई आंदोलनों को मजबूती प्रदान की।

के.एम. सुधाकरन ने 1954 की ऐतिहासिक परिवहन हड़ताल, 1970 में भूमि सुधारों के समर्थन में हुए आंदोलनों और 1993 में ताड़ी टैपरों के संघर्ष सहित कई प्रमुख जन आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई। ये आंदोलन केरल में श्रमिकों और किसानों के अधिकारों को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हुए।

उनका जीवन सादगी, अनुशासन और जनसेवा का प्रतीक रहा। पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उन्हें एक प्रतिबद्ध विचारक और संघर्षशील नेता के रूप में याद किया है।

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