सीयूके दीक्षांत समारोह में बोले न्यायमूर्ति महेश्वरी: भारत अपनी गौरवशाली विरासत पुनः प्राप्त करने के द्वार पर
न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी ने कहा कि भारत अपनी गौरवशाली पहचान पुनः प्राप्त कर रहा है और विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है।
केंद्रीय कर्नाटक विश्वविद्यालय (CUK) के 9वें दीक्षांत समारोह में शनिवार (8 नवंबर 2025) को भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिनेश महेश्वरी ने कहा कि “भारत अपनी गौरवशाली विरासत पुनः प्राप्त करने के कगार पर खड़ा है। आज देश चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है और विश्व स्तर पर डिजिटल शक्ति बन रहा है।”
उन्होंने विश्वविद्यालय के कड़गांची स्थित बहुउद्देशीय हॉल में आयोजित समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की यह प्रगति केवल आर्थिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सभ्यतागत मूल्यों, सांस्कृतिक चेतना और नैतिक मूलाधारों की पुनर्स्थापना का प्रतीक है।
न्यायमूर्ति महेश्वरी ने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए करें। उन्होंने जोर दिया कि “सच्ची शिक्षा वही है जो व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का बोध कराए और उसे जनसेवा के मार्ग पर प्रेरित करे।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत की वैश्विक पहचान अब ‘ज्ञान के केंद्र’ और ‘आर्थिक सामर्थ्य’ के रूप में तेजी से बढ़ रही है। देश का युवा वर्ग इस परिवर्तन का वाहक है, जो तकनीकी नवाचार, नैतिक मूल्यों और समर्पण की भावना से भारत को विश्व नेतृत्व की दिशा में अग्रसर कर रहा है।
दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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