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दिल्ली में प्रदूषण डब्ल्यूएचओ सीमा से 15 गुना, कई इलाकों में गंभीर स्थिति

दीपावली के बाद दिल्ली की हवा बेहद खराब हो गई है। प्रदूषण स्तर डब्ल्यूएचओ मानक से 15 गुना अधिक पहुंच गया, जिससे शहर के कई क्षेत्र ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गए।

दीपावली के बाद दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। मंगलवार (21 अक्टूबर 2025) की सुबह स्विस एयर क्वालिटी टेक्नोलॉजी कंपनी IQAir के लाइव डाटा के अनुसार, दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित प्रमुख शहर बन गया। राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित सीमा से करीब 15 गुना अधिक दर्ज किया गया, जिससे कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दीपावली की रात लोगों ने बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े, जबकि प्रशासन द्वारा केवल ‘ग्रीन पटाखे’ जलाने की अनुमति थी, वह भी रात 8 बजे से 10 बजे तक। इस नियम की खुली अवहेलना करते हुए, दिल्ली के कई इलाकों में लोगों ने निर्धारित समय से पहले और बाद में भी पटाखे जलाए। इसके अलावा, प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री भी त्यौहार से पहले बाजारों में खुलेआम जारी रही।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों का कहना है कि पटाखों के धुएं और वाहनों के उत्सर्जन के संयोजन ने हवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ दिया है। हवा में PM2.5 और PM10 कणों का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे सांस की बीमारियों, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों से घरों के अंदर रहने, मास्क पहनने और बच्चों तथा बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाने की सलाह दी है।

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पर्यावरणविदों का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए दीर्घकालिक नीतियों की जरूरत है, जिसमें पटाखों पर सख्त नियंत्रण, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा और औद्योगिक उत्सर्जन पर निगरानी शामिल है।

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