दिल्ली हाईकोर्ट की नाराज़गी: डूसू चुनाव प्रचार में लग्ज़री कारों के इस्तेमाल पर फटकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने डूसू चुनाव प्रचार में लग्ज़री कारों के इस्तेमाल पर नाराज़गी जताई। अदालत ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव अब दिखावे और शक्ति प्रदर्शन का मंच बनते जा रहे हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनावों के प्रचार अभियान में लग्ज़री कारों के इस्तेमाल पर कड़ी नाराज़गी जताई है। अदालत ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव, चाहे वे दिल्ली विश्वविद्यालय के हों या उसके संबद्ध कॉलेजों के, अब हर साल एक ऐसी परंपरा बन गए हैं जिनका स्वरूप चिंताजनक दिशा में बदल रहा है।
हाईकोर्ट ने छात्रों को फटकार लगाते हुए कहा कि उनसे ऐसी अपेक्षा नहीं की जाती कि वे चुनाव प्रचार में अनावश्यक रूप से धन और संसाधनों का प्रदर्शन करें। अदालत ने टिप्पणी की कि छात्रों का ध्यान पढ़ाई, अनुशासन और आदर्श प्रस्तुत करने पर होना चाहिए, लेकिन वास्तविकता यह है कि छात्र राजनीति में बाहरी दिखावे और शक्ति प्रदर्शन की प्रवृत्ति बढ़ रही है।
अदालत ने कहा कि चुनावों में लग्ज़री कारों, बैनरों और बड़े-बड़े जुलूसों का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि छात्रसंघ चुनाव लोकतांत्रिक मूल्यों से भटक रहे हैं। अदालत ने इस प्रवृत्ति को न केवल शिक्षा संस्थानों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए भी चिंता का विषय बताया।
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हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय प्रशासन और संबद्ध संस्थानों से इस पर गंभीरता से विचार करने और आवश्यक कदम उठाने को कहा। अदालत ने जोर दिया कि छात्रसंघ चुनाव लोकतंत्र का प्रशिक्षण स्थल होना चाहिए, जहाँ छात्र जिम्मेदारी और सेवा की भावना सीखें, न कि शक्ति और पैसे का दिखावा करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि अदालत की यह टिप्पणी छात्र राजनीति को अधिक जिम्मेदार और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम संकेत है।
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