आंशिक रूप से खुले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल गुजरात में शराब तस्करी में 3 महीनों में 10 करोड़ की IMFL जब्त
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के आंशिक संचालन का फायदा उठाकर गुजरात में शराब तस्करी की जा रही थी, जहां दाहोद पुलिस ने तीन महीनों में 10 करोड़ रुपये की IMFL जब्त की।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जिसे भारतमाला परियोजना के तहत विकसित किया गया है और जिसका उद्देश्य दिल्ली व मुंबई के बीच यात्रा समय कम करना तथा व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है, अब गुजरात जैसे ड्राई स्टेट में शराब तस्करी का नया रास्ता बनता नजर आ रहा है। 1,386 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा अभी आंशिक रूप से ही चालू है, लेकिन तस्कर इसी का फायदा उठाकर अवैध शराब गुजरात में पहुंचा रहे हैं।
दाहोद जिला पुलिस, जो गुजरात में एक्सप्रेसवे के प्रवेश बिंदुओं की निगरानी करती है, द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार बीते तीन महीनों में करीब 10 करोड़ रुपये मूल्य की अवैध शराब जब्त की गई है। यह शराब तेल टैंकरों, पशु आहार ले जा रहे ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों में छिपाकर लाई जा रही थी, ताकि अंतरराज्यीय चेकपोस्ट और पुलिस की नियमित जांच से बचा जा सके।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शराब तस्करी में सक्रिय गिरोह लंबे समय से ऐसे गुप्त और कम निगरानी वाले मार्गों की तलाश में थे, जहां से वे बिना पकड़े जाए माल की आवाजाही कर सकें। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का आंशिक रूप से चालू होना उनके लिए एक सुरक्षित गलियारा साबित हो रहा है।
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सबसे ताजा कार्रवाई 1 दिसंबर को की गई, जब ‘रॉयल चैलेंज’ नाम से चिह्नित कार्टनों में भरी भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) जब्त की गई। इस मामले में राजस्थान के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि इन तीन महीनों में हुई जब्ती की तुलना में, जनवरी से अब तक पूरे दाहोद जिले में कुल शराब जब्ती मात्र 50 लाख रुपये की दर्ज की गई थी।
गुजरात में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद, एक्सप्रेसवे जैसे नए और तेज मार्ग कानून-व्यवस्था के लिए नई चुनौती बनते जा रहे हैं। पुलिस अब एक्सप्रेसवे पर निगरानी और सख्त करने की तैयारी कर रही है।
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