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इंडिगो उड़ान संकट: DGCA ने चार निरीक्षण अधिकारियों को बर्खास्त किया

इंडिगो उड़ान बाधाओं के बाद DGCA ने चार अधिकारियों को बर्खास्त किया और CEO को तलब किया। पायलट उपलब्धता, नई ड्यूटी-रेस्ट नीतियों और नियामक मूल्यांकन पर गंभीर सवाल उठे हैं।

इंडिगो की हालिया बड़े पैमाने पर उड़ान बाधित होने की घटनाओं के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त कदम उठाते हुए चार फ्लाइट ऑपरेशंस इंस्पेक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई यात्रियों को हो रही भारी असुविधा और एयरलाइन की परिचालन क्षमता को लेकर उठे सवालों के बीच की गई।

DGCA ने इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीटर एल्बर्स को भी तलब किया, जहां उनसे उड़ानों को सामान्य करने के लिए उठाए गए कदमों, प्रभावित यात्रियों को धनवापसी तथा मुआवजे की प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी मांगी गई। अधिकारी इस बात को लेकर गंभीर हैं कि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन द्वारा लंबे समय तक उड़ानों के रद्द होने और देरी के बावजूद स्थिति क्यों नहीं संभाली जा सकी।

हालांकि चार अधिकारियों को हटाने की तात्कालिक वजह सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन DGCA की भूमिका पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। खासकर इस बात पर कि इंडिगो को सर्दियों की अनुसूची में 10% अतिरिक्त उड़ानों का संचालन करने की अनुमति देने से पहले क्या नियामक ने एयरलाइन के पास उपलब्ध पायलटों की संख्या और कार्य क्षमता का पर्याप्त मूल्यांकन किया था या नहीं।

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इसके अलावा, यह भी जांच का विषय है कि क्या DGCA ने नए पायलट ड्यूटी और आराम नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए इंडिगो की तैयारी का सही आकलन किया था। माना जा रहा है कि इन खामियों के चलते ही बड़ी संख्या में उड़ानों में देरी, रद्दीकरण और यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

यह मामला भारत के उड्डयन क्षेत्र में नियामकीय निगरानी, पायलट प्रबंधन और एयरलाइन संचालन से जुड़े व्यापक सवालों को एक बार फिर चर्चा में ले आया है।

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