हैदराबाद में ड्रोन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेगा डीजीक्यूए
डीजीक्यूए हैदराबाद में ड्रोन के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करेगा। महानिदेशक मनोहरन ने कहा कि युद्ध स्थितियों में ड्रोन की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
भारत में रक्षा उत्पादन और तकनीक को नई दिशा देने के लिए डीजीक्यूए (Directorate General of Quality Assurance) हैदराबाद में ड्रोन के लिए एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने जा रहा है। यह केंद्र ड्रोन निर्माण, परीक्षण और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
डीजीक्यूए के महानिदेशक एन. मनोहरन ने अपने मुख्य भाषण में आधुनिक युद्ध में ड्रोन की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज ड्रोन केवल निगरानी और टोही तक सीमित नहीं हैं, बल्कि हथियार प्रणाली, रसद आपूर्ति और सटीक हमलों में भी निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। ऐसे में इनकी विश्वसनीयता और गुणवत्ता सुनिश्चित करना बेहद ज़रूरी है।
उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि युद्ध की परिस्थितियों में ड्रोन की विश्वसनीयता सीधे सैनिकों की सुरक्षा और मिशन की सफलता से जुड़ी होती है। इसलिए मज़बूत क्वालिटी एश्योरेंस फ्रेमवर्क की आवश्यकता है, ताकि तकनीकी खामियों से बचा जा सके और अत्यधिक चुनौतीपूर्ण हालात में भी ड्रोन भरोसेमंद साबित हों।
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हैदराबाद का यह केंद्र ड्रोन प्रौद्योगिकी में अनुसंधान, विकास और परीक्षण को बढ़ावा देगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल भारत को स्वदेशी रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। साथ ही, यह स्टार्टअप्स और निजी कंपनियों को भी ड्रोन निर्माण और गुणवत्ता मानकों को सुधारने में मदद करेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में ड्रोन युद्ध का स्वरूप बदलने वाले सबसे बड़े कारकों में से एक होंगे। ऐसे में भारत का यह कदम न केवल सैन्य तैयारी को मजबूत करेगा बल्कि वैश्विक रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की स्थिति भी सुदृढ़ करेगा।
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