धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफ़ा दिया, इसे मुद्दा न बनाएं: अमित शाह
अमित शाह ने कहा कि पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफ़ा दिया है। विपक्ष के नज़रबंदी के आरोपों को उन्होंने निराधार और भ्रामक बताया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा पूरी तरह स्वास्थ्य कारणों से हुआ है और इस पर अनावश्यक विवाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि धनखड़ को कथित तौर पर "नज़रबंद" कर दिया गया है।
अमित शाह ने कहा कि यह आरोप न केवल निराधार हैं, बल्कि जनता को गुमराह करने वाले भी हैं। उनके अनुसार, धनखड़ ने स्वयं अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए पद छोड़ने का निर्णय लिया। शाह ने यह भी कहा कि विपक्ष को इस संवेदनशील मामले को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए और किसी व्यक्ति की निजी स्थिति का सम्मान करना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने कभी भी धनखड़ के अधिकारों या स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। "वे एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उनके योगदान को देश हमेशा याद रखेगा। विपक्ष का यह दावा कि उन्हें ‘हाउस अरेस्ट’ में रखा गया है, पूरी तरह झूठा है"।
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उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष के नेताओं को तथ्य परक राजनीति करनी चाहिए और झूठे आरोपों के सहारे जनता को भ्रमित नहीं करना चाहिए। शाह के अनुसार, ऐसे बयान न केवल संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुँचाते हैं बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी कमजोर करते हैं।
अमित शाह ने पुनः दोहराया कि धनखड़ का इस्तीफ़ा उनकी व्यक्तिगत और स्वास्थ्य संबंधी परिस्थितियों के कारण है, इसे लेकर अनावश्यक शोर-शराबा करना ठीक नहीं है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी राजनीतिक दल इस मामले में संयम बरतेंगे।
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