डिजिटल अरेस्ट घोटाला: उपभोक्ता आयोग ने बैंकों को नोटिस भेजा, सेवा में खामियों पर जताई आपत्ति
डिजिटल अरेस्ट घोटाले के पीड़ितों की शिकायतों पर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने बैंकों को नोटिस भेजा, सेवा में कमी का हवाला देते हुए केंद्रीय एजेंसियों की मदद लेने का संकेत दिया।
नई दिल्ली, 14 जुलाई:
डिजिटल अरेस्ट घोटाले का मामला अब राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) तक पहुंच गया है। पहली बार इस घोटाले में पीड़ित उपभोक्ताओं की याचिकाओं पर आयोग ने कई बैंकों को नोटिस जारी किए हैं और बैंकों की सेवाओं में गंभीर खामियों को रेखांकित किया है।
डिजिटल अरेस्ट उन साइबर अपराधों को कहा जा रहा है, जिसमें आम नागरिकों को कॉल कर फर्जी कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर डराया जाता है और उनसे ऑनलाइन पैसा वसूला जाता है।
आयोग ने 3 मार्च और 7 जुलाई को दिए आदेशों में इन याचिकाओं को स्वीकार कर आगे की सुनवाई के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने यह भी कहा कि यदि यह पाया गया कि शिकायतें विधिसंगत हैं और "बनती हैं", तो वह केंद्रीय एजेंसियों की सहायता लेने पर भी विचार करेगा।
इस कार्रवाई से बैंकों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि घोटाले के दौरान पीड़ितों ने बैंकों से संपर्क किया था, लेकिन उन्हें समय पर सहायता नहीं मिली। आयोग ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया है कि बैंकों द्वारा उचित सेवा और त्वरित कार्रवाई नहीं की गई, जिससे डिजिटल अरेस्ट के शिकार लोगों को भारी नुकसान हुआ।
यह मामला न केवल उपभोक्ता अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि साइबर सुरक्षा और वित्तीय संस्थानों की जवाबदेही का भी बड़ा प्रश्न बन गया है।