स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टर-नेतृत्व वाले नवाचार की बढ़ती आवश्यकता
तेजी से विकसित हो रहे स्वास्थ्य क्षेत्र में इंजीनियर और उद्यमी नवाचार का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि डॉक्टर सेवा प्रदाता तक सीमित हैं। चिकित्सा में डॉक्टर-नेतृत्व वाले नवाचार को बढ़ावा देना जरूरी है।
चिकित्सा जगत अभूतपूर्व गति से विकसित हो रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल हेल्थ और पर्सनलाइज्ड मेडिसिन में हो रही प्रगति ने स्वास्थ्य क्षेत्र का स्वरूप बदल दिया है। इसके बावजूद चिकित्सा पेशेवर अक्सर नवाचार की मुख्यधारा से दूर रहते हैं।
आज स्वास्थ्य क्षेत्र का भविष्य इंजीनियरों और उद्यमियों द्वारा आकार दिया जा रहा है। वे नई तकनीकें, डिजिटल उपकरण और हेल्थकेयर स्टार्टअप्स विकसित कर रहे हैं, जबकि डॉक्टर मुख्य रूप से सेवा प्रदाताओं की भूमिका तक सीमित हैं। नई चिकित्सा तकनीकों और समाधान के निर्माण में उनकी सक्रिय भागीदारी कम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आने वाले समय में चिकित्सा क्षेत्र में नई खोजों और बदलावों को प्रोत्साहित करना है, तो इस पैटर्न को बदलना होगा। डॉक्टरों को न केवल रोगियों का इलाज करना चाहिए, बल्कि चिकित्सा अनुसंधान, तकनीकी विकास और नवाचार में भी अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए।
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डॉक्टरों के पास रोगियों की वास्तविक जरूरतों, रोग के व्यवहार और उपचार प्रक्रियाओं की गहरी समझ होती है, जो उन्हें नए चिकित्सा समाधान विकसित करने के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। यदि डॉक्टर इंजीनियरों और उद्यमियों के साथ मिलकर काम करें, तो चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव संभव हो सकते हैं।
इसके लिए जरूरी है कि मेडिकल शिक्षा में उद्यमिता, तकनीकी नवाचार और शोध पर जोर दिया जाए। डॉक्टरों को स्टार्टअप्स, मेडिकल डिवाइस डिजाइन और हेल्थकेयर सॉफ्टवेयर विकास में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी और मरीज-केंद्रित बनाने के लिए डॉक्टरों का नवाचार में सक्रिय होना अनिवार्य है। यह न केवल नई खोजों को बढ़ावा देगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम होगा।
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