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छह राज्यों में मतदाता सूची संशोधन अभियान की समयसीमा बढ़ी

निर्वाचन आयोग ने छह राज्यों में मतदाता सूची संशोधन की समयसीमा बढ़ाई, जिससे BLAs को दस्तावेजों की जांच में मदद मिलेगी और मसौदा सूची वर्ष के अंत तक जारी की जाएगी।

भारतीय निर्वाचन आयोग (EC) ने छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision—SIR) कार्यक्रम की समयसीमा बढ़ा दी है। ये राज्य हैं—तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह और उत्तर प्रदेश। समयसीमा बढ़ाने की घोषणा गुरुवार को की गई, जो मूल रूप से नामांकन/गणना फार्म जमा करने की आखिरी तारीख थी।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, इन राज्यों में विस्तृत समय अलग-अलग अवधि के लिए है, जो तीन दिनों से लेकर पंद्रह दिनों तक है। तमिलनाडु और गुजरात में नई अंतिम तिथि 14 दिसंबर तय की गई है, जबकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में यह 18 दिसंबर तक कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में यह समयसीमा 26 दिसंबर तक बढ़ाई गई है। आयोग ने स्पष्ट किया कि सभी राज्यों में वर्ष के अंत तक मसौदा मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी।

एक वरिष्ठ चुनाव आयोग अधिकारी ने बताया कि समयसीमा बढ़ाने का उद्देश्य ब्लॉक लेवल एजेंट्स (BLAs) को मसौदा सूची प्रकाशित होने से पहले दस्तावेजों की जांच-पड़ताल करने का पर्याप्त अवसर देना है। इससे मतदाता सूची की सटीकता और सत्यापन प्रक्रिया बेहतर होगी।

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दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल, गोवा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप और राजस्थान को किसी भी तरह का विस्तार नहीं दिया गया है। वहीं, केरल में पहले ही संशोधित कार्यक्रम लागू किया जा चुका है।

निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह विस्तार मतदाता सूची में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि पात्र मतदाताओं का नाम सूची में सही रूप से शामिल किया जा सके और किसी भी त्रुटि का समाधान समय पर किया जा सके।

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