मसौदा मतदाता सूची में शामिल न होने वालों का विवरण साझा करना अनिवार्य नहीं: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कानून के तहत मसौदा मतदाता सूची में शामिल न होने वाले व्यक्तियों की जानकारी साझा करना अनिवार्य नहीं है, पर राजनीतिक दलों को अपडेट सूची दी गई।
चुनाव आयोग (ECI) ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि मसौदा मतदाता सूची में शामिल न किए गए व्यक्तियों के विवरण को साझा करने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है। आयोग ने स्पष्ट किया कि इस तरह की सूची को किसी के द्वारा अधिकारपूर्वक मांगना संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर एक मामले में यह मुद्दा उठा था कि मसौदा मतदाता सूची से बाहर रखे गए पात्र मतदाताओं की जानकारी राजनीतिक दलों या अन्य संस्थाओं को उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ताकि वे उनसे संपर्क कर सकें और उनका नाम अंतिम सूची में दर्ज हो सके।
चुनाव आयोग ने अदालत को बताया कि उसने राजनीतिक दलों को पहले से ही अपडेटेड सूची उपलब्ध कराई है, जिसमें उन मतदाताओं के नाम शामिल हैं जो मसौदा सूची में दर्ज नहीं थे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता अंतिम सूची से वंचित न रह जाए।
आयोग ने यह भी कहा कि मतदाता सूची का संकलन और संशोधन एक व्यवस्थित और कानूनी प्रक्रिया के तहत किया जाता है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति के नाम को शामिल करने से पहले आवश्यक सत्यापन और जांच की जाती है। मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद, मतदाताओं को आपत्तियां और सुधार के लिए निर्धारित समय में आवेदन करने का अवसर दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान आयोग के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया कि पात्र मतदाताओं तक पहुंचने की जिम्मेदारी राजनीतिक दलों पर भी है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
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