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कुछ दलों ने मतदाता सूची समय पर नहीं जांची: चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ दलों ने मतदाता सूची में त्रुटियों को “दावे और आपत्तियां” अवधि में समय पर जांचा नहीं। आयोग दस्तावेजों की समीक्षा और सुधार का स्वागत करता है।

भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने विपक्षी दलों के मतदाता डेटा में हेरफेर के आरोपों का जवाब देते हुए शनिवार, 16 अगस्त 2025 को कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची में त्रुटियों को समय पर जांचने का प्रयास नहीं किया। आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी भी समस्या या त्रुटि को उठाने का उचित समय “दावे और आपत्तियां” (Claims and Objections) अवधि के दौरान होता है।

चुनाव आयोग ने कहा कि वह दस्तावेजों की जांच का स्वागत करता है ताकि उसके अधिकारी किसी भी प्रकार की खामियों को समय पर सुधार सकें। आयोग ने यह भी जोर दिया कि मतदाता सूचियों में सुधार और पारदर्शिता बनाए रखना उसका प्राथमिक कर्तव्य है।

विशेषज्ञों का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की भूमिका केवल मतदान और प्रचार तक सीमित नहीं है, बल्कि मतदाता सूचियों में त्रुटियों को समय पर सूचित करना भी आवश्यक है। यदि इस काम को सही समय पर नहीं किया जाता, तो चुनावी प्रक्रिया में भ्रम और आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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ECI ने यह स्पष्ट किया कि सभी राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की समीक्षा के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया है और आयोग हर तरह की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए तैयार है। आयोग का यह भी कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में सुधार और दोष सुधार के लिए दस्तावेजों की खुली समीक्षा करना आवश्यक है।

इस तरह का कदम न केवल मतदाता अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि लोकतंत्र की विश्वसनीयता को भी बनाए रखता है।

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