मनी लॉन्ड्रिंग से लड़ाई में मॉरीशस की मदद करेगा ईडी, प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
ईडी ने मॉरीशस में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अपराधों से निपटने की क्षमता बढ़ाने में मदद की। यह पहल दोनों देशों के बीच सहयोग को और मजबूत करेगी।
भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मॉरीशस को मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अपराधों से निपटने की क्षमता बढ़ाने में मदद करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस पहल के तहत पोर्ट लुईस में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम भारत और मॉरीशस के बीच हुए समझौता ज्ञापन (MoU) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच वित्तीय अपराधों के खिलाफ सहयोग को और अधिक मजबूत करना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ईडी के विशेषज्ञ अधिकारियों ने मॉरीशस के अधिकारियों को मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य वित्तीय अपराधों की जांच के आधुनिक तरीकों के बारे में जानकारी दी। इसमें विशेष रूप से केस स्टडी, डिजिटल जांच तकनीक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तंत्र पर जोर दिया गया।
भारत और मॉरीशस के बीच लंबे समय से करीबी आर्थिक और कूटनीतिक संबंध रहे हैं। इस सहयोग को और मजबूत करने के लिए दोनों देशों ने वित्तीय अपराधों की रोकथाम और जांच में साझेदारी को प्राथमिकता दी है। अधिकारियों का मानना है कि यह पहल न केवल मॉरीशस की संस्थागत क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों देशों की साख को भी मजबूत करेगी।
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विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार की पहल वैश्विक वित्तीय अपराधों से मुकाबला करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। आज के समय में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग जैसी चुनौतियां सीमाओं से परे होती हैं, ऐसे में देशों के बीच आपसी सहयोग से ही प्रभावी समाधान संभव है।
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