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सुबह का डाइजेस्ट: भारत-ईयू साझेदारी में नया आयाम, अदानी मामले पर तत्काल सुनवाई से अदालत का इंकार

भारत-ईयू साझेदारी नए चरण में प्रवेश कर रही है। दिल्ली की अदालत ने अदानी के खिलाफ प्रतिबंध आदेश पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया। ये घटनाएं वैश्विक और राष्ट्रीय महत्व की हैं।

यूरोपीय संघ (EU) और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाने की दिशा में नई पहलें शुरू की जा रही हैं। दोनों पक्ष व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार हैं। हाल ही में हुई उच्चस्तरीय वार्ताओं में साझा हितों पर जोर दिया गया और यह तय किया गया कि सहयोग को और गहरा बनाने के लिए नई नीतियां अपनाई जाएंगी। विश्लेषकों का मानना है कि इस साझेदारी से न केवल द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि वैश्विक चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलेगी।

इसी बीच, दिल्ली की एक अदालत ने अदानी समूह द्वारा दाखिल "गैग ऑर्डर" मामले की तत्काल सुनवाई की मांग को ठुकरा दिया। अदालत का कहना था कि इस मामले में कोई विशेष तात्कालिकता नहीं है। अदानी समूह ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि मामला सामान्य प्रक्रिया के तहत ही सुना जाएगा। इस फैसले को प्रेस स्वतंत्रता और न्यायिक पारदर्शिता के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इसके अलावा, देश-विदेश की अन्य खबरों में आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रम भी शामिल हैं, जिन पर सरकार और विपक्ष दोनों की नजर है। वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है और नई कूटनीतिक पहलें भारत की स्थिति को और मजबूती प्रदान करेंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत-ईयू संबंधों का नया चरण भविष्य की वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए अहम साबित हो सकता है।

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