यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी पर असमंजस में यूरोपीय नेता
यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने पर यूरोपीय नेताओं में असमंजस। कुछ देश समर्थन में, तो कुछ टकराव के खतरे से चिंतित। जल्द ही ईयू और नाटो स्तर पर चर्चा होगी।
यूरोपीय नेताओं के बीच इस समय यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने को लेकर गहरी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के लगातार खिंचने और इसके भू-राजनीतिक असर बढ़ने से यूरोप के सामने यह सवाल और गंभीर हो गया है कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किस हद तक और किस प्रकार की गारंटी दी जाए।
कुछ यूरोपीय देश यूक्रेन के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा ढांचा तैयार करने के पक्ष में हैं, जिसमें सैन्य और आर्थिक सहायता को संस्थागत रूप दिया जा सके। उनका मानना है कि इससे न केवल यूक्रेन को मजबूती मिलेगी बल्कि रूस को यह संदेश भी जाएगा कि यूरोप एकजुट है।
हालांकि, कई अन्य देश इस पर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि बिना स्पष्ट योजना और सामूहिक सहमति के जल्दबाज़ी में दी गई गारंटी यूरोप को गहरे संकट में डाल सकती है। कुछ देशों को आशंका है कि इससे नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव और बढ़ सकता है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, यूरोप की दुविधा यह है कि यूक्रेन को मदद की तत्काल ज़रूरत है, लेकिन सुरक्षा गारंटी का कोई भी कदम लंबे समय तक यूरोपीय सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावित करेगा। इसलिए कई नेता चाहते हैं कि इस विषय पर व्यापक चर्चा और रणनीति बनाई जाए।
इस मुद्दे पर जल्द ही यूरोपीय संघ और नाटो देशों की बैठकों में और विचार-विमर्श होने की संभावना है।
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