फेक पासपोर्ट घोटाला: बंगाल व्यापारी की बैंकॉक की 900 यात्राओं की जांच में ईडी
ईडी फेक पासपोर्ट रैकेट की जांच में बंगाल के व्यापारी विनोद गुप्ता की बैंकॉक की 900 यात्राओं और उनके संदिग्ध वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है।
फेक पासपोर्ट घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के एक व्यापारी की विदेशी यात्राओं पर ध्यान केंद्रित किया है। खारदा क्षेत्र के व्यापारी विनोद गुप्ता ने पिछले 10 वर्षों में कथित तौर पर बैंकॉक लगभग 900 बार यात्रा की है।
एक अधिकारी ने बताया कि जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि इतनी बार विदेश यात्रा करने का कारण क्या है। इन यात्राओं को फेक पासपोर्ट रैकेट से जुड़े व्यापक नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। इसके तहत, ED की टीमों ने सोमवार (3 नवंबर, 2025) को नादिया जिले और कोलकाता में कई स्थानों पर छापेमारी की।
जांच के आधार पर, मंगलवार (4 नवंबर, 2025) को टीम विनोद गुप्ता के खारदा स्थित आवास पहुंची और रात देर तक व्यापक तलाशी ली। इस दौरान कई दस्तावेज़ बरामद किए गए, और अधिकारियों का दावा है कि “महत्वपूर्ण और संदिग्ध” जानकारी मिली है।
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प्रारंभिक पूछताछ में, गुप्ता ने बताया कि वह मसाला व्यापार करते हैं और उनकी बैंकॉक यात्राएं इसी से संबंधित हैं। अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या उनके बैंकॉक दौरे अवैध विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) लेनदेन से जुड़े थे। गुप्ता की वित्तीय गतिविधियाँ संदिग्ध प्रतीत हो रही हैं और उन्हें आगे पूछताछ के लिए समन किया जा सकता है।
फेक पासपोर्ट मामले में अक्टूबर में नई जानकारी सामने आई थी जब ED ने रैकेट में शामिल पाकिस्तानी नागरिक आज़ाद मलिक को गिरफ्तार किया। उनके पूछताछ के आधार पर, अधिकारियों ने गेडे सीमा के पास और नादिया और उत्तर 24 परगना जिलों में छापेमारी की। इसके बाद, इंदुभूषण हलदर को शिबपुर से गिरफ्तार किया गया।
जांच में पता चला कि हलदर और अन्य द्वारा फेक पासपोर्ट रैकेट से अर्जित धन फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश किया गया, जिससे गुप्ता का नाम सामने आया। अब ED उनके वित्तीय लेन-देन और विदेशी यात्राओं की विस्तृत जांच कर रही है।
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