फारूक अब्दुल्ला का दावा: केंद्र को लद्दाख के लोगों से बात करनी चाहिए
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख एक संवेदनशील क्षेत्र है। केंद्र को स्थानीय लोगों से बात करनी चाहिए ताकि अशांति और हिंसा को रोका जा सके।
जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को लद्दाख के लोगों से बातचीत करनी चाहिए। यह बयान उस समय आया है जब लेह में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हिंसा हुई थी। उन्होंने कहा कि लद्दाख एक संवेदनशील क्षेत्र है और यहां की भावनाओं को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है।
फारूक अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि हिंसा और अशांति की घटनाओं से स्थिति और खराब हो सकती है। उन्होंने केंद्र से अपील की कि वह लद्दाख के निवासियों के साथ संवाद स्थापित करे ताकि उनकी चिंताओं और मांगों को सुना और समझा जा सके। उनके अनुसार, लद्दाख में राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि लद्दाख की विशेष स्थिति और वहां के लोगों की आकांक्षाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को मिलकर ऐसे उपाय करने चाहिए, जो विवाद और तनाव को कम करें और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
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उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया, तो इससे वहां की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। फारूक अब्दुल्ला ने सभी पक्षों से शांति और संयम बरतने की अपील की और कहा कि संवाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान है।
फारूक अब्दुल्ला का यह बयान लेह में हुई हिंसा के ठीक अगले दिन आया, जो लद्दाख के राज्य का दर्जा देने की मांग के चलते हुई थी। उनके अनुसार, लद्दाख की संवेदनशील स्थिति को समझते हुए केंद्र को तुरंत कदम उठाने चाहिए।
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